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भारत के पांच विनाशकारी चक्रवाती तूफ़ान जो तहस-नहस कर दिए थे लोगों की जिंदगी  

बिपारजॉय चक्रवाती तूफ़ान गुरूवार को गुजरात के तट पर टकराएगा। इससे पहले भी कई चक्रवाती तूफ़ान आ चुके हैं। जिसमें हजारो लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और करोड़ों रुपये की हानि हुई है।  

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बिपारजॉय चक्रवाती तूफ़ान गुरूवार को गुजरात के तट पर टकराएगा। कहा जा रहा है कि हाल के सालों का यह सबसे बड़ा चक्रवाती तूफ़ान है। ऐसे में सरकार इससे निपटने की तैयारी कर ली है। जानमाल के नुकसान को बचाने के लिए गुजरात के सभी संभावित जिलों में एनडीआरएफ की टीमें  तैनात कर दी गई है। गौरतलब है कि इससे पहले भी कई चक्रवाती तूफ़ान आ चुके हैं। जिसमें हजारो लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और करोड़ों रुपये की हानि हुई है। तो आइये जानते हैं कब कब चक्रवाती तूफानों ने कहर बरपाया है।
1999 में देश का सबसे बड़ा खतरनाक चक्रवात तूफ़ान आया था। उसे ओ-5 बी नाम दिया गया था। यह चक्रवाती तूफ़ान 29 अक्टूबर 1999 में ओडिशा के तट से टकराया था। इस चक्रवाती तूफ़ान ने खूब तबाही मचाई थी। इस चक्रवाती तूफ़ान में 10 हजार लोग मारे गए थे। वहीं लाखो लोग बेघर हो गए थे। इस तूफ़ान की गति 250 किलोमीटर प्रति घंटा थी। इस दैरान समुन्द्र 6 से 7 मीटर ऊंची लहरें उठती रही। इसमें 4.44 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।
इसी तरह 1998 में भी चक्रवाती तूफ़ान गुजरात में आया था। इसमें 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इस चक्रवाती तूफ़ान की वजह से 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इस तूफ़ान की रफ़्तार 165 किलोमीटर प्रतिघंटे थी। इस तूफ़ान का असर कच्छ पर भी पड़ा था। चार जून 1998 में यह चक्रवाती तूफ़ान आया था।
1977 में आये चक्रवाती तूफ़ान ने सबसे ज्यादा भयंकर माना जाता है। यह तूफ़ान ओडिसा और आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा  हानि पहुंचाया था। इसकी रफ़्तार 193 प्रतिकिलोमीटर थी। इसमें लगभग दस हजार लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इसका असर छत्तीसगढ़ तक देखा गया था। इस चक्रवाती तूफ़ान में  350 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। यह चक्रवाती तूफ़ान 14 -19 नवंबर तक आया था।
1971 में भी ओडिशा के तट चक्रवाती तूफ़ान आया था। इसकी रफ़्तार 150 से लेकर 170 किलोमीटर प्रति घंटे थी। इसमें दस हजार लोग मारे गए थे। जबकि दस लाख  बेघर हो गए थे। इस तूफ़ान से 50 हजार पशुओं की भी मौत हुई थी। यह तूफ़ान 26 से 30 अक्टूबर के बीच आया था।
2021 में तौकते तूफ़ान ने गुजरात के दक्षिण तट से टकराया था। इस तूफ़ान को गुजरात में 1998 में आए तूफ़ान  से भी भयंकर था। इसमें 170 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 20,0000  से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया था। इस तूफ़ान की रफ़्तार 125 किलोमीटर प्रतिघंटे थी। इस तूफ़ान में भी हजारो मवेशियों और अन्य वन्य जीवों की मौत हुई थी। यह तूफ़ान 5 मई को आया था।
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