रविवार 3 जुलाई को राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया। राष्ट्रवादी पार्टी के नेता अजित पवार ने विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उस वक्त अजित पवार के साथ एनसीपी के कई सांसद और विधायक मौजूद थे। इसके अलावा, अजित पवार ने एनसीपी के चुनाव चिन्ह पर दावा किया। इसके बाद अब एनसीपी ने अजित पवार के साथ मौजूद विधायकों पर कार्रवाई की है।
एनसीपी ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए सभी नेताओं को पार्टी से बाहर निकालने की कार्रवाई की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने एक पत्र निकालकर यह आदेश जारी किया है। रविवार 2 जुलाई को अजित पवार समेत आठ मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली। अब उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने एक पत्र जारी कर महाराष्ट्र राज्य की मौजूदा सरकार में शामिल हुए पार्टी विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वालों को पार्टी से बर्खास्त करने की जानकारी दी है।
शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर यह स्पष्ट किया गया है कि यह कृत्य पार्टी के अनुशासन के साथ-साथ पार्टी की मिशन नीतियों के भी खिलाफ है। इसलिए, यह कार्रवाई एनसीपी पार्टी की मिशन नीति के अनुकूल नहीं है और इसलिए बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा रही है, एनसीपी पत्रक में कहा गया है। साथ ही इस पत्र में निर्देश दिए गए हैं कि बर्खास्त किए गए लोगों को अब एनसीपी पार्टी के नाम चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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