वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी के मां श्रृंगार गौरी मूल वाद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से रडार तकनीक से सर्वे के आदेश दिए है, जिससे मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। जिला जज की अदालत ने वजू स्थल को छोड़कर ज्ञानवापी के अन्य परिसर का एएसआई सर्वे कराने का आदेश दिया है। कोर्ट का आदेश आते ही हिंदू पक्ष में खुशी की लहर है।
हिन्दू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मेरा आवेदन मंजूर कर लिया गया है और अदालत ने वजू टैंक को छोड़कर, जिसे सील कर दिया गया है। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है। उन्होंने आगे कहा कि मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे धप-धप की आवाज आ रही है। इसके नीचे एक और शिवलिंग होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मस्जिद की पश्चिमी दीवार और पूरे परिसर का सर्वे कराने से इतिहास सामने आएगा। ASI इस सर्वे की रिपोर्ट जिला जज को 4 अगस्त को देगा।
दरअसल, 14 जुलाई को वाराणसी के चर्चित श्रृंगार गौरी- ज्ञानवापी मामले में मस्जिद का सर्वे कराने की याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई थी। तब जिला जज ने ऑर्डर रिजर्व कर लिया था। 16 मई 2023 को चारों वादी महिलाओं की तरफ से हिंदू पक्ष ने एक प्रार्थनापत्र दिया था, जिसमें मांग की गई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर की ASI से जांच कराई जाए। इसी याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इजाजत दे दी है।
गौरतलब है कि ज्ञानवापी विवाद को लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि इसके नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है और भगवान विश्वेश्वर की नियमित पूजा के इंतजाम किए जाएं। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर चल रहा विवाद यह है कि इसमें हिंदू पक्ष ने मांग की थी कि पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए और मुस्लिमों का प्रवेश ज्ञानवापी में बंद किया जाए।
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