प्रशांत कारुलकर
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 सोमवार, 11 सितंबर, 2023 को 20,000 के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह पहली बार है कि इंडेक्स ने 20,000 का आंकड़ा पार किया है।
निफ्टी 50 एनएसई पर सूचीबद्ध 50 सबसे बड़े और सबसे अधिक तरल शेयरों का मूल्य-भारित सूचकांक है। इसे भारतीय शेयर बाजार का बैरोमीटर माना जाता है।
निफ्टी 50 का बढ़ना भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेशकों के भरोसे का संकेत है। अर्थव्यवस्था स्वस्थ गति से बढ़ रही है, और कॉर्पोरेट आय मजबूत है। इससे भारतीय शेयरों की मांग बढ़ गई है।
निफ्टी 50 को विदेशी निवेश के प्रवाह से भी समर्थन मिल रहा है। विदेशी निवेशक हाल के महीनों में भारतीय शेयरों के शुद्ध खरीदार रहे हैं।
निफ्टी 50 का बढ़ना भारतीय निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। इसका मतलब है कि उनका निवेश अधिक मूल्यवान होता जा रहा है। इसका मतलब यह भी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है।
यहां कुछ कारक दिए गए हैं जिन्होंने निफ्टी 50 के उदय में योगदान दिया:
– मजबूत आर्थिक विकास: भारतीय अर्थव्यवस्था प्रति वर्ष लगभग 8% की स्वस्थ गति से बढ़ रही है। इससे कॉर्पोरेट आय और निवेश में वृद्धि हो रही है।
– विदेशी निवेश का प्रवाह: विदेशी निवेशक हाल के महीनों में भारतीय शेयरों के शुद्ध खरीदार रहे हैं। यह कई कारकों के कारण है, जिनमें मजबूत आर्थिक विकास, कम ब्याज दरें और भारतीय रुपये का मूल्यह्रास शामिल हैं।
– सकारात्मक आय दृष्टिकोण: आने वाले वर्ष में कॉर्पोरेट आय लगभग 15% बढ़ने की उम्मीद है। इसे मजबूत मांग और मार्जिन में सुधार से समर्थन मिला है।
– कम मूल्यांकन: निफ्टी 50 अन्य बाजारों की तुलना में अपेक्षाकृत कम मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है। यह इसे विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है।
आने वाले महीनों में निफ्टी 50 में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। मजबूत आर्थिक वृद्धि, विदेशी निवेश का प्रवाह और सकारात्मक आय दृष्टिकोण सभी सहायक कारक हैं।
हालाँकि, कुछ जोखिम हैं जिनका असर बाज़ार पर पड़ सकता है। इनमें बढ़ती मुद्रास्फीति, आर्थिक विकास में मंदी और मजबूत अमेरिकी डॉलर शामिल हैं।
कुल मिलाकर, निफ्टी 50 का बढ़ना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक विकास है। यह दर्शाता है कि निवेशक देश के भविष्य को लेकर आश्वस्त हैं।
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