मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर मनोज जरांगे पाटिल 29 अगस्त से भूख हड़ताल पर हैं. मंगलवार (12 सितंबर) को मनोज जरांगे पाटिल से भी अपना अनशन खत्म करने का अनुरोध किया गया। फिर अगले दिन एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री शिंदे का कहना है कि वह बोलकर मुक्त होना चाहते थे। इस बात की खबर सामने आने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर अपनी राय रखी| इसमें वीडियो वायरल करने वालों की भी निंदा की गई है|
एकनाथ शिंदे ने क्या कहा है?: मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक के बाद सह्याद्री गेस्ट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले माइक्रोफोन पर उनके और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच संवाद को गलत तरीके से संपादित करना बेहद शरारतपूर्ण है।
मराठा आरक्षण को लेकर सरकार शुरू से ही संवेदनशील रही है और सरकार कानून के दायरे में रहकर आरक्षण देने को प्राथमिकता के तौर पर काम कर रही है| साथ ही मराठा आरक्षण को लेकर पहली बार ऐसे सभी दलों के नेताओं को एक साथ बुलाया गया है और सहमति बनी है| यह बहुत ही निंदनीय है कि जब सरकार ने इतना अच्छा रुख अपनाया है, तो कुछ विरोधी जानबूझकर शरारतपूर्ण तरीके से लोगों के मन में गलत धारणाएं फैलाने के लिए वीडियो क्लिप को गलत तरीके से संपादित कर रहे हैं।
इन संस्थाओं ने एक-दूसरे के साथ हमारी बातचीत को बाधित और संपादित करके जानबूझकर निंदनीय कार्य किया है। एक तरफ सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए फैसला ले रही है| ऐसी पृष्ठभूमि में सोशल मीडिया के माध्यम से समाज में गलतफहमी पैदा करने के कृत्य की जितनी निंदा की जाए कम है।
मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों के बीच वास्तव में क्या बातचीत हुई?: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार तथा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को यह कहकर ट्रोल किया जा रहा है कि यह बातचीत पेश होने से पहले मराठा आरक्षण पर चर्चा के बाद हुई थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी स्थिति| संभाजी भिड़े ने मंगलवार को मनोज जरांगे पाटिल से मुलाकात की|