तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर लोकसभा में सवाल पूछने के लिए ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ यानी एक बिजनेसमैन से पैसे लेने का आरोप लगा है। इस संबंध में महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है| महुआ मोइत्रा के वकील अब इस केस से हट गए हैं| हितों के टकराव का मुद्दा उठने के बाद मोइत्रा के वकील ने मामले से अपना नाम वापस ले लिया|
असली मुद्दा क्या है?: सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के बीच पिछले कुछ समय से निजी मुद्दों को लेकर विवाद चल रहा है। वकील देहाद्राई को मोइत्रा का अलग सहयोगी माना जाता है। मोइत्रा और देहाद्राई के बीच अपने पालतू कुत्ते को लेकर बहस हो गई। तृणमूल सूत्रों ने बताया कि पिछले छह महीनों में मोइत्रा ने देहाद्राई के खिलाफ कथित अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश भेजने और दुर्व्यवहार की विभिन्न धाराओं के तहत पुलिस शिकायत दर्ज की हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, वकील जय अनंत देहाद्राई ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा लोकसभा में सवाल पूछने के लिए पैसे लेने के बारे में कुछ सबूत मुहैया कराए हैं| दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने दावा किया कि मोइत्रा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण के बीच हितों का टकराव था। गोपाल शंकरनारायण ने मुझे कल (गुरुवार) फोन किया। उन्होंने पालतू कुत्ते को लौटाने के बदले में सीबीआई की शिकायत वापस लेने को कहा,” देहाद्राई ने शुक्रवार को अदालत को सूचित किया। देहादराय के बयान के बाद जस्टिस दत्ता ने मैत्रा के वकील शंकरनारायण से पूछा, क्या यह सच है कि आप इस मामले में प्रतिवादी के संपर्क में थे?
इस पर मोइत्रा के वकील शंकरनारायण ने कोर्ट से कहा, ”मैंने अपने मुवक्किल (महुआ मोइत्रा) से बात की और कहा कि मैं जय अनंत देहाद्राई को जानता हूं, मुझे उनसे बात करने की कोशिश करने दीजिए|इस पर न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा कि चूंकि शंकरनारायण ने मध्यस्थता करने की कोशिश की थी, इसलिए वह मामले में वादी के वकील के रूप में पेश होने के पात्र नहीं हैं। इसके बाद महुआ मोइत्रा के वकील ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ मामले में दायर मानहानि केस से हट गए हैं| इस संबंध में अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी|
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