मराठा समुदाय अब तक 58 शांतिपूर्ण मार्च निकाल चुका है|उनके मार्च के दौरान कभी भी कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं उठा|हालांकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बयान दिया है कि अब आंदोलन की दिशा भटक गई है|वह मराठा उपसमिति की बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे|मुख्यमंत्री के इस बयान पर मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल ने साफ जवाब दिया है|
मनोज जरांगे पाटिल ने पिछले छह दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है|आज उनके अनशन का छठा दिन ह| छठे दिन उनकी हालत बिगड़ गई|उनके पेट में न अन्न का कण और न पानी की एक बूँद जाने से वे दुर्बल हो गये हैं। वे ठीक से खड़े भी नहीं हो पाते|उनके समर्थकों की मांग थी कि ऐसी स्थिति में उन्हें कम से कम पानी पीना चाहिए| इसलिए उनके आग्रह का सम्मान करते हुए मनोज जरांगे ने पानी पी लिया है|साथ ही उन्होंने आज मीडिया से भी बातचीत की| उस समय उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनकी सरकार के नेताओं की आलोचना की थी|
एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठा आंदोलन की दिशा भटक गई है| मनोज जरांगे पाटिल ने कहा, ”मराठा भटके नहीं थे|” कोई हमारे आंदोलन का मजाक उड़ा रहा है| हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है| मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों को अपने बड़बोले नेताओं पर लगाम लगानी चाहिए| इस राज्य में कुछ नहीं होगा।”
“आपको अपने लोगों की रक्षा करनी होगी। हमारे लोग शांतिपूर्वक विरोध करते हैं| वे वही हैं जो चाहते हैं कि हम कानून और व्यवस्था को बाधित करें, लेकिन हम ऐसा नहीं कर रहे हैं। अगर हम बस अपने रास्ते चलते रहें, तो हमारे पास क्या विकल्प हैं?” ऐसा सवाल मनोज जारांगे ने भी उठाया|
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