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हलाल प्रमाणित उत्पादों से देश विरोधी गतिविधियां? यूपी सरकार का बड़ा फैसला, होगा संस्थानों पर केस दर्ज !

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में तेल, साबुन, टूथपेस्ट जैसे हलाल प्रमाणित शाकाहारी उत्पादों की बिक्री पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों से कार्रवाई करने को कहा है। शनिवार शाम को यूपी सरकार ने राज्य की सीमा के भीतर हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया।

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हलाल प्रमाणित उत्पादों पर लगातार विवाद खड़े हो रहे हैं।अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में तेल, साबुन, टूथपेस्ट जैसे हलाल प्रमाणित शाकाहारी उत्पादों की बिक्री पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों से कार्रवाई करने को कहा है। शनिवार शाम को यूपी सरकार ने राज्य की सीमा के भीतर हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार विभिन्न उत्पादों को हलाल सर्टिफिकेट देने वाली संस्थाओं के खिलाफ लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में एफआईआर दर्ज की गई है। शनिवार को चेन्नई में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली में जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट, मुंबई में हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया और जमीयत उलेमा सहित कुछ लोगों के खिलाफ हजरतगंज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी 153 ए, 298, 384, 420, 467, 468 और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शर्मा द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि ये संगठन एक विशेष धर्म के ग्राहकों को अवैध रूप से हलाल प्रमाणपत्र के साथ कुछ उत्पाद बेच रहे हैं।एफआईआर में शिकायतकर्ता ने कहा कि इन निकायों के पास किसी भी उत्पाद को ऐसा प्रमाणन जारी करने का कोई अधिकार नहीं है।आरोप है कि इन संगठनों ने हलाल सर्टिफिकेट बनाकर वित्तीय लाभ हासिल कर धोखाधड़ी की है|अभियोजन पक्ष का कहना है कि इन संगठनों द्वारा एक बड़ी साजिश रची जा रही है और इस कारोबार से कमाए गए पैसे का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा है|
उत्तर प्रदेश सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने इस गैरकानूनी कृत्य पर कड़ा संज्ञान लिया है| साथ ही अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है|हलाल सर्टिफिकेशन से देश में सांप्रदायिक सौहार्द खराब हो रहा है और देश विरोधी ताकतों को इससे फायदा हो रहा है। इस तरह के अवैध प्रमाणीकरण ने उन कंपनियों के उत्पादों की बिक्री में बाधा उत्पन्न की है जिनके पास यह लेबल नहीं है।

मांसाहारी खाद्य पदार्थों को हलाल सर्टिफिकेशन दिया जा रहा है। कानून के अनुसार,आईएसआई और एफएसएसएआई खाद्य उत्पादों को गुणवत्ता प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अधिकृत निकाय हैं और कोई अन्य अधिकृत निकाय नहीं हैं। योगी सरकार के इस कदम के बाद खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण (एफडीए) के अधिकारियों को राज्य में हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के तरीके खोजने के लिए कहा गया है।

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