नीतीश कुमार ने पार्टी का अध्यक्ष बनते ही इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका दिया है। नीतीश कुमार की पार्टी ने अरुणाचल प्रदेश में अपना कैंडिडेट उतारकर गठबंधन में खलबली मचा दी। नीतीश कुमार ने यह कदम तब उठाया है जब इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर खींचातान जारी है। 2019 के चुनाव में इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस दूसरे स्थान पर थी।
इस संबंध में जेडीयू के महासचिव और पूर्वोत्तर के प्रभारी अफाक अहमद खान ने बुधवार को बताया कि उनकी पार्टी अरुणाचल प्रदेश की अध्यक्ष रूही तागुंगा अरुणाचल प्रदेश की पश्चिमी सीट से चुनाव लड़ेंगी। खान के अनुसार यह घोषणा मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के निर्देश पर की गई है। गौरतलब की अरुणाचल प्रदेश दो लोकसभा सीट है एक अरुणाचल पूर्व और दूसरी अरुणाचल पश्चिम अरुणाचल पश्चिम से बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू सांसद हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष नवाब तुकी को हराया था।
दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि इंडिया गठबंधन में अभी तक सीट बंटवारा नहीं हुआ है,ऐसे में नीतीश कुमार ने एक कदम आगे बढ़कर अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा उम्मीदवार उतारने के कारण गठबंधन में खलबली मची हुई है। ऐसे में यह भी सवाल उठता है कि आखिर नीतीश ने ऐसा क्यों कदम उठाया। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की यह प्रेशर पॉलिटिक्स है। वे इण्डिया गठबंधन पर दबाव बनाना चाहते हैं।
गठबंधन की चौथी बैठक में ममता बनर्जी ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पीएम् फेस बनाये जाने का प्रस्ताव रखा था, जिसका दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी समर्थन किया था। जिससे नीतीश कुमार नाराज हो गए थे। वहीं यह भी कहा जा रहा था कि उन्हें गठबंधन का संयोजक बनाया जाएगा, लेकिन अभी तक इस पर मुहर नहीं लगी है।
ये भी पढ़ें
Ram Mandir: 31 साल बाद राम मंदिर से हटाई गई सीआरपीएफ,अब सुरक्षा की कमान !
राम मंदिर समारोह में न्योता मिलने के बाद मशहूर क्रिकेटर का इमोशनल पोस्ट हुआ वायरल!
मॉडल दिव्या पाहुजा की हत्या: पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार