मराठा आरक्षण अध्यादेश जारी करने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नवी मुंबई में एक मराठा रैली को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मराठा आरक्षण के लिए प्रयासरत दिखे| वहीं अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल लगातार मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण देने का विरोध कर रहे हैं, इसलिए वह मराठा समुदाय के निशाने पर हैं|अब छगन भुजबल को शिंदे गुट से भी चुनौती मिल रही है जो सरकार में ही घटक दल है,जहां चर्चा है कि मराठा आरक्षण अध्यादेश के चलते छगन भुजबल मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं, वहीं शिंदे गुट के नेताओं ने मांग की है कि भुजबल को बाहर किया जाना चाहिए|
शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड़ ने मीडिया से बात करते हुए छगन भुजबल पर आरोप लगाया है| छगन भुजबल मराठा समुदाय के खिलाफ नफरत से बोल रहे हैं। यह ठीक नहीं है, ऐसे मंत्री को कैबिनेट में नहीं रखना चाहिए, उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए| संजय गायकवाड ने सवाल उठाते हुए आलोचना की कि मंत्री पद लेते समय कोई सबको समान न्याय देने की कसम खाता है तो फिर भुजबल एक समुदाय से नफरत कैसे कर सकते हैं?
भुजबल के इस्तीफे से सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता: पिछले 70 वर्षों से मराठा समुदाय के रिकॉर्ड को दबाने से समुदाय को नुकसान हुआ है। संजय गायकवाड़ ने यह भी कहा कि अगर मराठा समुदाय के रिकॉर्ड उपलब्ध हैं तो उन्हें प्रमाणपत्र देने से कोई नहीं रोक सकता| साथ ही छगन भुजबल को कैबिनेट से हटाने का फैसला उपमुख्यमंत्री अजित पवार लेंगे| उनके एक मंत्री रहने से सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ता| संजय गायकवाड़ ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी भूमिका न तो सरकार की भूमिका है और न ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की भूमिका है।
सरकार में रहकर आरोप नहीं लगाना चाहिए: शिंदे संजय गायकवाड़ के बयान के बाद शिंदे समूह के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने प्रतिक्रिया दी। हालांकि संजय गायकवाड़ का बयान निजी है, लेकिन मराठा आरक्षण और ओबीसी का मुद्दा अलग है| कुछ लोग राजनीति करने के लिए एक समाज की ढाल ले रहे हैं। इस तरह की राजनीति से दोनों समाज में गलत संदेश जा रहा है| संजय शिरसाट ने कहा कि अगर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं तो इस्तीफा मांगकर कुछ गलत नहीं किया है|
महाराष्ट्र में माहौल तनावपूर्ण: वहीं छगन भुजबल ने राज्य के मौजूदा हालात पर चिंता जताई| अध्यादेश की घोषणा के बाद छगन गांवों में उन्माद का माहौल है| रात तीन बजे तक डीजे बजता रहता है। जहां ओबीसी की बस्तियां हैं, वहां ज्यादा उन्माद चल रहा है| हम मुंबई से आरक्षण लेकर आए हैं, इस जीत का जश्न मनाया जा रहा है|मेरे संज्ञान में आया है कि डीजे पर मुझे गाली देने वाले गाने बजाए जा रहे हैं। दुर्भाग्य से, राज्य में एक गंभीर स्थिति पैदा हो गई है, भुजबल ने खेद व्यक्त किया।
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