25 C
Mumbai
Saturday, November 30, 2024
होमदेश दुनियाकतर से 8 पूर्व नौसेना अधिकारियों की "घर वापसी" के पीछे है...

कतर से 8 पूर्व नौसेना अधिकारियों की “घर वापसी” के पीछे है ये तिकड़ी

पीएम मोदी भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर की पर्दे के पीछे बड़ी भूमिका रही है।

Google News Follow

Related

भारत की बहुत बड़ी कूटनीति जीत हुई है। कतर में कैद आठ पूर्व नौसैनिकों को भारत सकुशल रिहा कराने में कामयाब रहा। दोहा की जेल में बंद पूर्व आठ भारतीय नौसेना कर्मियों की रिहाई सुनिश्चित कराने में पीएम मोदी के कतर के अमीर के साथ व्यक्तिगत संबंध और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर की पर्दे के पीछे बड़ी भूमिका रही है। बता दें कि आठ भारतीय नौसेना के अधिकारियों को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। इन भारतीय नौसेना के अधिकारियों पर जासूसी का आरोप लगा था।

बताया जा रहा है कि, कूटनीतिक स्तर पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मोर्चा संभाल रखा था, तो वहीं संवेदनशील मुद्दों को लेकर पूर्व नौसेना कर्मियों की रिहाई के लिए पीएम मोदी की सलाह पर एनएसए डोभाल ने दोहा का कई गोपनीय दौरे किये। इस दौरान एनएसए डोभाल ने कतर नेतृत्व के समक्ष अपना पक्ष रखे।

गौरतलब है कि, कतर की एक अदालत ने इन आठ नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी। कतर सरकार ने पूर्व नौसेना अधिकारियों पर लगे आरोपों का खुलासा नहीं किया था, लेकिन रिपोर्ट में दावा किया गया कि उन पर जासूसी का आरोप लगाया गया था। पिछले साल दिसंबर में कतर की अदालत ने उनकी सज़ा कम कर दी थी, जो भारत बड़ी जीत थी। इसके बाद भारत सरकार इन भारतीयों को रिहाई के लिए प्रयास तेज कर दिया था। आठ में से सात भारतीय नागरिक भारत लौट आये हैं।

खबर है कि पीएम मोदी ने दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की थी और द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कतर में रहने वाले भारतीय समुदाय की बेहतरी पर चर्चा की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पीएम मोदी और शेख तमीम बिन हमद के बीच हुई बैठक पर प्रकाश डाला और कहा कि उनके बीच द्विपक्षीय संबंधों पर अच्छी बातचीत हुई।

बता दें कि भारत के पूर्व नौसेना अधिकारियों को 30 अगस्त 2022 को जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में कतर की एक अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। इस घटना की जानकारी सामने आने के बाद भारत सभी स्तर पर भारतीय नौसैनिकों को वापस लाने की कोशिश शुरू कर दी थी। बाद उनकी मौत की सजा को कैद में बदल दिया गया था। विदेश मंत्रालय ने इस संबंध एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया कि “भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए दाहरा ग्लोबल कंपनी में काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों को रिहा करने पर का स्वागत करती है।

ये भी पढ़ें

3 रुपये शेयर निवेशकों की बल्ले बल्ले!,10 हजार बन गए 16 लाख

छत्तीसग़ढ की लाडली को लिखा था पत्र, अब झाबुआ के “लाल” पर लुटाया प्यार

TMC ने पत्रकार राजदीप सरदेसाई की पत्नी सागरिका घोष को दिया RS का टिकट 

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,290फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
202,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें