लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही भाजपा की झोली बिना मतदान हुए निर्विरोध चुने जाने की दावेदारी प्रबल हो गयी है। बता दें कि गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, यह बात उस समय हुई जब कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने और अन्य सभी प्रत्याशियों के अपने नामांकन वापस लेने के बाद यह समीकरण बना हैं। नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन आठ उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया।
गुजरात की सभी 26 सीटों पर 7 मई को मतदान होने वाला है।इससे पहल ही सूरत सीट का नतीजा पहले ही आने के कारण अब 25 सीटों पर मतदान होगा। वर्ष 2019 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात की सभी 26 की 26 लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी।
इससे पहले भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सूरत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला कमल भेंट किया है। मैं सूरत लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित होने पर बधाई देता हूं।
कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन खारिज होने के बाद : बता दें कि रविवार को निर्वाचन अधिकारी ने सूरत सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी का नामांकन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में प्रथम दृष्टया विसंगति होने के बाद रद्द कर दिया था। कुम्भाणी का नामांकन रद्द होने के बाद पार्टी के वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी रद्द कर दिया था। सूरत जिला चुनाव कार्यालय के मुताबिक, मुकेश दलाल को छोड़कर सूरत से मैदान में उतरे सभी आठ उम्मीदवारों (चार निर्दलीय, तीन छोटे दलों से और बहुजन समाज पार्टी के प्यारेलाल भारती) ने आखिरी दिन अपना नामांकन वापस ले लिया।
इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कुंभानी का नामांकन फॉर्म भाजपा के इशारे पर खारिज कर दिया गया। उनका कहना था कि वह इसे हाईकोर्ट में चुनौती देगी। वहीं, पार्टी ने सोमवार को दावा किया कि भाजपा एमएसएमई मालिकों और व्यापारिक समुदाय के गुस्से से डर गई है। इस वजह से उसने सूरत लोकसभा सीट पर भी ‘मैच फिक्सिंग’ की कोशिश की। इस सीट पर भाजपा 1984 से जीतती आ रही है।
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