लोकसभा चुनाव में मराठा आंदोलन ने महाराष्ट्र में महायुति को मजबूर कर दिया|लोकसभा में महाविकास अघाड़ी को ध्वस्त करने की महागठबंधन की योजना धरी की धरी रह गई|मराठा आंदोलन ने महायुति को ही बड़ा झटका दे दिया। यहां तक कि भाजपा मराठवाड़ा में अपना उचित निर्वाचन क्षेत्र भी बरकरार नहीं रख सकी। मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे ने एक बार फिर भूख हड़ताल का हथियार उठा लिया है|पांच दिन बाद भी उन्होंने इलाज से इनकार कर दिया है| इससे राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है|
अपराध वापस लेने की मांग मानी गई?: मनोज जरांगे पाटिल फिर भूख हड़ताल पर मीडिया से बात करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने इस पर प्रतिक्रिया दी| उन्होंने कहा कि सरकार मनोज जरांगे पाटिल की चल रही भूख हड़ताल को लेकर गंभीर है| सरकार उनकी मांग पर कार्रवाई कर रही है| पूर्व में हमने उनसे केस वापस लेने का वादा किया था| इस पर कार्रवाई की जा रही है| सरकार ने उनकी मांग को लेकर पहली अधिसूचना भी जारी कर दी है| उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में सकारात्मक है|
ओबीसी समुदाय के साथ कोई अन्याय नहीं: मैं ओबीसी नेताओं से चर्चा कर रहा हूं। मैं छगन भुजबल से भी चर्चा करूंगा और उन्हें समझाऊंगा| प्रमाण पत्र उन्हीं को दिया जा सकता है जिनके पास कुनबी दखल है। अधिसूचना सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा करने के लिए बनाई गई थी। ओबीसी समाज के साथ कोई अन्याय नहीं होगा| हम इस समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं|
फडणवीस ने जरांगे पाटिल से की अपील: राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मनोज जरांगे पाटिल से अनशन खत्म करने की अपील की है। उन्होंने राय व्यक्त की कि आरक्षण को लेकर सरकार हमेशा सकारात्मक रही है| इससे पहले आंदोलन के दौरान और मौजूदा भूख हड़ताल से पहले भी मनोज जरांगे पाटिल ने फडणवीस की आलोचना की थी| उनका आरोप था कि वे लोग धोखाधड़ी कर रहे थे|
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