प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 112वें कार्यक्रम में पेरिस ओलंपिक के साथ ही साथ बजट पर भी बात की है| इस दौरान मन की बात के माध्यम से उन्होंने मैथ्स ओलंपियाड विजेताओं से बात की। पीएम की ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भारत के 6 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें चार विद्यार्थियों से बात की| भारत ने इस ओलंपियाड में 4 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल जीते।
मोदी ने अपने मन की बात की 112 वें श्रृंखला के दरम्यान असम मोइदम का जिक्र किया, यह यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज सूचि में शामिल असम मोइदम में अहोम राजवंश को लेकर विस्तृत जानकारी दी गयी| इस क्रम में उन्होंने कहा कि अहोम राजवंश के टीले वाले ढांचे को 26 जुलाई को यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज लिस्ट में शामिल कर लिया गया। कल्चरल कैटेगरी में शुमार मोइदम भारत की 43वीं हैरिटेज साइट है।
मोइदम, अहोम राजाओं, रानियों और रईसों की स्मृतियों को सजोये हुए है| उन्होंने अहोम नाम की व्याख्या करते हुए कहा कि इसका नाम है ‘पहाड़ी पर एक चमकता शहर’। यह अहोम साम्राज्य का प्रतिक है। हेरिटेज साइट बनने के बाद यहां और अधिक पर्यटक आएंगे। भविष्य में आप भी यहां जरूर आएं। अपनी संस्कृति पर गौरव करते ही कोई देश आगे बढ़ सकता है।
पीएम मोदी ने इससे पहले मन की बात’ कार्यक्रम को लेकर कहा था कि, उन्हें जुलाई के एपिसोड के लिए कई इनपुट मिले हैं| साथ ही उन्होंने इस कार्यक्रम के जरिए सामूहिक मुद्दों को उजागर करने और समाज में बदलाव लाने के लिए युवाओं के एक साथ आने पर खुशी जाहिर की थी| मन की बात का यह 112 वां एपिसोड है|
इसके साथ ‘मन की बात’ के 112वें एपिसोड में हैंडलूम और उससे जुड़ी हस्तकला कृतियों के साथ ही साथ महिलाओं के रोजगार और उनकी समृद्धि को लेकर भी बात की| हैंडलूम को लेकर दुनिया आकर्षित हो रही है। कई कंपनियां तो AI के माध्यम से इसे प्रमोट कर रही है। हैंडलूम की बात हो और खादी की चर्चा न हो, ये संभव नहीं है। खादी का कारोबार 400 प्रतिशत तक बढ़कर डेढ़ लाख करोड़ रुपए का हो गया है। आपके पास बहुत सारे कपड़े होंगे। आजादी के पर्व पर एक कपड़ा खादी का जरूर लें।
वही दूसरी ओर बाघों के संरक्षण को लेकर भी उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रयास हो रहा है।इससे बाघों के लिए वातावरण तैयार हो रहा है। दुनिया के करीब 70% बाघ हमारे देश में हैं।
पीएम मोदी के ‘मन की बात’ को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी ब्रॉडकॉस्ट किया जाता है। इनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं। मन की बात की ब्रॉडकास्टिंग आकाशवाणी के 500 से अधिक ब्रॉडकास्टिंग सेंटर द्वारा किया जाता है।
बता दें कि मन की बात का पहला एपिसोड 3 अक्टूबर 2014 को प्रसारित हुआ था। पहले एपिसोड की टाइम लिमिट 14 मिनट थी। जून 2015 में इसे बढ़ाकर 30 मिनट कर दिया गया था। 30 अप्रैल 2023 को मन की बात का 100वां एपिसोड प्रसारित किया गया था। मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण 23 भाषाओं और 29 बोलियों में होता है। फ्रेंच, पश्तो, चाइनीज समेत इसका ब्रॉडकास्ट 11 विदेशी भाषाओं में भी किया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ को देश के 100 करोड़ लोग कम से कम एक बार सुन चुके हैं। 23 करोड़ लोग नियमित रूप से ‘मन की बात’ को सुनते हैं। दरअसल IIM रोहतक ने ‘मन की बात’ को लेकर एक स्टडी की है। यह स्टडी प्रसार भारती ने कराई है।
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