अमेरिका में इसी साल के अंत में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले दोनों प्रमुख प्रतिद्वंद्वी- डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन मतदाताओं को लुभाने का कोई मौका गंवाना नहीं चाहते। इसी कड़ी में सत्ताधारी जो बाइडन प्रशासन ने ग्रीन कार्ड धारकों के लिए मुहिम चलाई है। इसकी मदद से तीन हफ्ते में अमेरिकी नागरिकता मिलेगी, ऐसा दावा है। इस पहल से भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों पर भी असर पड़ेगा। ग्रीन कार्ड धारकों के भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति और प्रमिला जयपाल के साथ ही रिक मैक्कॉर्मिक ने भी समर्थन दिया है।
बता दें कि दिसंबर, 2023 में अमेरिका के तीन प्रभावशाली सांसदों ने एक बिल पेश किया था। इसमें प्रस्ताव किया गया था कि ग्रीन कार्ड जारी करने में हो रही देरी और लंबित आवेदनों (बैकलॉग) पर तेजी से फैसले लिए जाएं। इस बिल के कानून बनने पर हजारों भारतीयों को फायदा मिलेगा और उन्हें अमेरिका का ग्रीन कार्ड मिलने का रास्ता साफ होगा। लगभग छह महीने पहले प्रभावशाली सांसदों ने ग्रीन कार्ड से जुड़ा बिल पेश किया|
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए महज चार माह शेष हैं। ऐसे में हाई-वोल्टेज चुनाव प्रचार के बीच, देश के ग्रीन कार्ड धारकों को नागरिकता दिलाने और 5 नवंबर को मतदान के लिए पंजीकरण कराने के मकसद से मनाने के प्रयास जोरों पर हैं। बाइडन प्रशासन ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है। साथ ही इस संकट से जूझ रहे भारतीय अमेरिकियों को शामिल करने तथा वोट करने के लिए प्रेरित किया है।
एशियन अमेरिका पेरिफिक आइलैंडर्स विक्ट्री फंड के अध्यक्ष व संस्थापक शेखर नरम्हिन ने कहा, यदि आपके पास ग्रीन कार्ड है और आप यहां पांच वर्ष से हैं तो अपनी नागरिकता प्राप्त करें। अभी समय है, वोट करने के लिए पंजीकरण करें। कई राज्यों में आपको पहले से पंजीकरण करना होता है और इसकी समय सीमा होती है। अंत में एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर 20 दोस्तों को शामिल करें। हर दिन एक-दूसरे को याद दिलाएं, क्योंकि यह महत्वपूर्ण है। और वोट करने के लिए निकलें।
बता दें, अमेरिका में ग्रीन कार्ड आधिकारिक तौर पर स्थायी कार्ड है, जो एक पहचान दस्तावेज के रूप में किसी व्यक्ति के अमेरिका में स्थायी निवास का प्रमाण पत्र है। ग्रीन कार्ड धारकों में बड़ी संख्या में एशियाई-अमेरिकी और भारतीय-अमेरिकी हैं। यह भी दिलचस्प है कि बाइडन ने अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का एलान करते हुए भारतवंशी डेमोक्रेट कमला हैरिस का समर्थन किया है। ऐसे में बाइडन प्रशासन के इस फैसले से बड़ी संख्या में भारतीय लोगों पर भी असर होने के आसार है। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की उम्मीदवारी ने भारतवंशियों, एशियाई-अमेरिकियों व अन्य समुदायों में अभूतपूर्व स्तर की ऊर्जा व उत्साह पैदा किया है।
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