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Friday, September 20, 2024
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भारतीय राफेल से डरा पाकिस्तान, पायलटों को ट्रेनिंग पर भेजा चीन!

पाकिस्तान पहले ही चीन से J-10C फाइटर जेट, एडवांस्ड रडार सिस्टम, मिसाइलें खरीद चुका है। यह खरीदारी वायुसेना को आधुनिक बनाने के लिए की गई थी। दक्षिण एशिया में संतुलन बनाए रखने के लिए चीन भी पाकिस्तान की मदद कर रहा है|

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पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक हुई है| एयर स्ट्राइक हुई है|अब उन्हें भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमान की चिंता सता रही है| इसीलिए पाकिस्तान ने अपने लड़ाकू पायलटों को चीन के जे-31 स्टील्थ लड़ाकू विमानों में प्रशिक्षण के लिए भेजा। पाकिस्तान अपने लड़ाकू पायलटों को ऐसी ट्रेनिंग दे रहा है कि वो भविष्य में भारत के राफेल के हमले का जवाब दे सकें|पाकिस्तान पहले ही चीन से J-10C फाइटर जेट, एडवांस्ड रडार सिस्टम, मिसाइलें खरीद चुका है। यह खरीदारी वायुसेना को आधुनिक बनाने के लिए की गई थी। दक्षिण एशिया में संतुलन बनाए रखने के लिए चीन भी पाकिस्तान की मदद कर रहा है|

पाकिस्तान चीन से JF-17 ब्लॉक 3 फाइटर जेट खरीद रहा है| भारत स्वदेशी तेजस, फ्रांस से खरीदे गए राफेल और रूस निर्मित सुखोई-30 एमकेआई पर निर्भर है। पाकिस्तान फिलहाल अपने पायलटों को J-31 फाइटर जेट उड़ाने की ट्रेनिंग दे रहा है। J-31 चीन का सबसे उन्नत स्टील्थ लड़ाकू विमान है।

क्या है इस घातक फाइटर जेट का नाम?: इस स्टील्थ विमान को चीन में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जे-31, एफसी-31, शेनयांग एफसी-31 स्टील्थ फाइटर जेट, फाल्कन हॉक या स्नोई आउल या जे-35। भारत में इस विमान को J-31 के नाम से जाना जाता है| विमान का निर्माण शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन द्वारा किया गया है। इस विमान का पहला मॉडल 2012 में दिखाया गया था। चीन का दावा है कि जो देश अमेरिका निर्मित एफ-35 स्टील्थ जेट नहीं खरीद सकते, वे हमसे जे-31 विमान खरीद सकते हैं।

कितना घातक है J-31 फाइटर जेट?: J-31 फाइटर जेट 56.9 फीट लंबा है। इस विमान की ऊंचाई 15.9 फीट है| 1400 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ सकता है| राफेल लड़ाकू विमान को एक या दो पायलट उड़ा सकते हैं। राफेल की लंबाई 50.1 फीट है| यह 17.6 फीट लंबा है। यह विमान 1912 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। जे-31 की हथियारों के साथ युद्धक क्षमता 1200 किलोमीटर है। अगर आपको बीच में ईंधन मिलता है तो यह रेंज 1900 किमी तक हो जाती है। यह 52 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है|

राफेल की युद्धक सीमा 1850 किमी है। यह विमान 51,952 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है| यह ऊंचाई J-31 से थोड़ी कम है| J-31 फायर जेट में 12 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। इसमें हवा से जमीन पर मार करने वाली 8 सुपरसोनिक मिसाइलें, 500 किलोग्राम के 8 गहराई तक भेदने वाले बम या 30 छोटे बम लगाए जा सकते हैं।

कितना खतरनाक है राफेल?: राफेल में 14 हार्ड प्वाइंट हैं| इसमें 30 मिमी ऑटोकैनन है। जो हर मिनट 125 राउंड फायर कर सकती है| इसके अलावा इस विमान में हवा से हवा में मार करने वाली एमबीडीए माइका, मेटियोर, मैजिक 2 या एस्ट्रा जैसी मिसाइलें भी लगाई जा सकती हैं। इसके अलावा हवा से जमीन पर मार करने वाली अपाचे, स्टॉर्म शैडो, हैमर, पे वे सीरीज के बम, एस-30एल मिसाइलें, मार्क 82 बम के साथ-साथ एएसएमपी-ए परमाणु मिसाइलें भी लगाई जा सकती हैं।

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