मुंबई। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने मोदी सरकार पर वैक्सीन देने में भेदभाव करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र जरूरत से कम वैक्सीन की सप्लाई कर रहा है, जबकि आबादी के हिसाब से गुजरात और यूपी जैसे राज्यों को महाराष्ट्र से अधिक वैक्सीन दी जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र के पास बस अब सिर्फ दो दिन की वैक्सीन बची है। किस राज्य को कितनी वैक्सीन दी जा रही है, उस डेटा का जिक्र करते हुए महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र को अब तक प्रति सप्ताह कोरोना वैक्सीन की मात्र 7.5 लाख खुराकें दी गई हैं। जबकि उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा आदि को महाराष्ट्र से अधिक वैक्सीन दी गई है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि गुजरात की आबादी महाराष्ट्र से आधी है।
फिर भी गुजरात को अधिक वैक्सीन मिल रही है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे अभी तुरंत बताया गया है कि केंद्र ने वैक्सीन की खुराकों की संख्या 7 लाख से बढ़ाकर 17 लाख कर दी है। फिर भी एक सप्ताह में हमें 40 लाख वैक्सीन की खुराक की जरूरत है और इस हिसाब से अभी भी काफी कम है और 17 लाख हमारे लिए पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम हर हफ्ते कम से कम कोरोना वैक्सीन की 40 लाख खुराक चाहते हैं। अन्य देशों को टीके की आपूर्ति करने के बजाय, उन्हें हमारे अपने राज्यों में आपूर्ति करनी चाहिए। केंद्र हमारी मदद कर रहा है मगर उस तरह से मदद नहीं कर रहा है, जैसा होना चाहिए। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सतारा, सांगली और पनवेल में वैक्सीनेशन को रोक दिया गया है। अभी कई जिले हैं, जहां टीकों की कमी की वजह से वैक्सीनेशन को ठप कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिस राज्य में सबसे अधिक कोरोना केस आ रहे हैं, वहां वैक्सीन की कम डोज कैसे दी जा सकती है? मैंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से बात की है और उनके सामने भी यह मुद्दा उठाया है और बताया कि हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। हमारे यहां सबसे अधिक एक्टिव केस हैं तो फिर हमें कम वैक्सीन क्यों दी जा रही?