हरिद्वार: बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पर स्थानीय अदालत द्वारा पुरातात्विक सर्वेक्षण कराए जाने के आदेश के ठीक दूसरे दिन उत्तराखंड के हरिद्वार में शुक्रवार को आयोजित विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के मार्गदर्शक मंडल की बैठक से यह मुद्दा गायब था. अंग्रेजी के अखबार इंडियन एक्सप्रेस से की गई बातचीत के दौरान विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि परिषद और संतों ने रामजन्मभूमि को अहम मुद्दा बनाया है और हम सबसे पहले से पूरा करेंगे. रामलला गर्भगृह में स्थापित किए जाएंगे.
यह काम 2024 तक पूरा हो जाएगा, तब तक कोई दूसरा मुद्दा हाथ में नहीं लिया जाएगा. विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने आगे कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर यह कोर्ट की ओर से अंतरिम आदेश दिया गया है और यह अदालती प्रक्रिया है. हम इसे देखेंगे और फिर जब जरूरत होगी, तब हम कुछ बोलेंगे.उन्होंने कहा कि अदालत का यह आदेश ऐतिहासिक तथ्यों का पता लगाने के लिए दिया गया है और तथ्य सर्वविदित है. जहां तक विहिप की बात है, तो हम 2024 से पहले ऐसा कोई भी मामला हाथ में नहीं लेंगे. तब तक हम रामलला को उनके मंदिर में स्थापित करने की उम्मीद करते हैं. हमें इस काम को पूरा करना है.
उसके बाद ही हम काशी के मुद्दे पर विचार करेंगे.उन्होंने कहा कि 2024 तक काशी के मुद्दे पर कोई विचार नहीं करेंगे, तो फिर इस पर राजनीतिक या अन्य प्रभाव पड़ने का सवाल ही कहां पैदा होता है. हम उस पर नजर बनाए रखेंगे. कुछ साल पहले विहिप ने ‘अयोध्या तो बस झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है’ का नारा दिया था, तो अब रणनीति क्या होगी? इस सवाल के जवाब में आलोक कुमार ने कहा कि फिलहाल, हम झांकी (अयोध्या) पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं. हमें इसके लिए (राम मंदिर) देश भर से दान मिला है. मंदिर 2024 तक पूरा हो जाएगा.