मुंबई/दिल्ली। एक बार फिर प्रवासी मजदूर अपने घरों का रुख करने लगे हैं. ट्रेन में प्रवासी मजदूरों की भीड़ बढ़ रही है, तो दूसरी तरफ रेल मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि ट्रेन में भीड़ बहुत ज्यादा नहीं है. प्रवासी मजूदरों को घर लौटने में परेशानी नहीं हो रही है. हमने पूरी व्यस्था की है. अगर संख्या बढ़ी तो और ट्रेन चलेंगी,देशभर के कई राज्यों से आ रही खबरों की मानें तो लॉकडाउन के डर से मजदूर एक बार फिर अपने गांव का रुख करने लगे हैं. रेलवे ने प्लेटफॉर्मट टिकट की बिक्री पर रोक लगा दी है,
मुंबई से उत्तर प्रदेश आने वाली ज्यादातर ट्रेन प्रवासी मजदूरों से भरी हुई है. कई लोग खड़े – खड़े यात्रा कर रहे हैं. कई वेबसाइट में शहर से अपने गांव लौटने वाले मजदूरों की सख्या पर चिंता जाहिर की जा रही है. ऐसे समय में जब कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा है प्रवासी मजदूर इस चिंता से दूर हैं, उन्हें किसी भी तरह अपने घर वापस लौटना है.रेलवे ने अपने बयान में यह भी कहा था कि मजदूरों की संख्या ज्यादा है इसलिए सबसे कोरोना संक्रमित ना होने की रिपोर्ट नहीं मांग सकते. ऐसे में ट्रेन से यात्रा करने वाले प्रवासी मजदूरों को खतरा ज्यादा है क्योंकि बगैर टेस्ट के लोग यात्रा कर रहे हैं. किसी को नहीं पता कि उसके बगल में खड़ा व्यक्ति संक्रमित है या नहीं.
ट्रेन में लगातार बढ़ रही भीड़ भी यात्रियों के लिए परेशानी खड़ी कर रही है,रेलवे यात्रियों की परेशानियों को समझता है यही कारण है कि लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए चार शताब्दी और एक दूरंतो ट्रेन का परिचालन शुरू करने का फैसला लिया गया है.रेलवे बोर्ड ने यह स्पष्ट तौर पर बयान दे दिया है कि ट्रेन रोकने को लेकर अबतक कोई फैसला नहीं हुआ है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने कहा है कि ट्रेन की कोई कमी नहीं है. रेलवे स्टेशन में बहुत भीड़ नहीं देखी जा रही है लेकिन भीड़ बढ़ी तो औऱ ट्रेन चलायी जायेगी।