संसद की लोक लेखा समिति ने सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच को समन भेजा है। उन्हें 24 अक्टूबर को पूछताछ के लिए उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। खबर यह भी है कि सेबी के अन्य अधिकारियों और वित्त मंत्रालय के कुछ अधिकारियों को भी पूछताछ के दौरान उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है|
हिंडनबर्ग आरोपों की जांच की संभावना: एक रिपोर्ट के अनुसार, संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने अपने वार्षिक कार्यक्रम में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के कामकाज का जायजा लेने का फैसला किया है। उसी के लिए ये समन भेजा गया है|हालांकि सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान माधवी बुच से हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बारे में भी सवाल पूछे जा सकते हैं|
हिंडेनबर्ग के आरोप और माधबी बुच की सफाई: कुछ दिन पहले ‘हिंडेनबर्ग रिसर्च’ ने माधवी बुच पर गंभीर आरोप लगाए थे| हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अडानी ग्रुप और सेबी के प्रमुखों के बीच वित्तीय सांठगांठ थी| हालांकि, हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का माधवी पुरी बुच ने खंडन किया था। माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में उल्लेखित फंडों में निवेश 2015 में किया गया था। उन्होंने इस बयान में कहा कि माधबी पुरी बुच दो साल पहले पूर्णकालिक सदस्य के रूप में सेबी में शामिल हुईं, जब वे दोनों सिंगापुर में रहने वाले नागरिक थे।
लोकलेखा समिति क्या है?: केंद्र सरकार के खर्चों की निगरानी लोकलेखा समिति के माध्यम से की जाती है। इस समिति के अध्यक्ष कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल हैं| उन्होंने कई अहम फैसले लिए हैं| 29 अगस्त को हुई एक बैठक में उन्होंने संसद के अधिनियम के तहत स्थापित नियंत्रण निकायों के कामकाज का जायजा लेने का निर्णय लिया था। तदनुसार, अब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के मामलों का ऑडिट करने का निर्णय लिया गया है।
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