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Wednesday, October 30, 2024
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वक्फ बोर्ड का कहर: किसानों के 1200 एकड़ जमीन पर किया दावा, सरकार की मिलीभगत!

वक्फ बोर्ड का दावा है कि यह नोटिस 1974 के गजट घोषणा पर आधारित है| वक्फ बोर्ड के अनुसार, भूमि को राज्य सरकार द्वारा वक्फ संपत्ति के रूप में मान्यता दी गई थी और राजपत्रित किया गया था।

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देशभर में कई जमीनों पर वक्फ बोर्ड दावा कर रहा है| इसलिए लोग अपना कामकाज छोड़कर मामले को सुलझाने में लग जाते हैं। ऐसा ही एक मामला कर्नाटक के विजयपुर जिले में प्रकाश में आया है। वक्फ बोर्ड ने कर्नाटक के विजयपुरा में किसानों की 1200 एकड़ जमीन पर दावा किया है| वक्फ बोर्ड ने किसानों को नोटिस भी जारी किया है| 

दरअसल, शाह अमीनुद्दीन दरगाह ने विजयपुरा जिले के होनवाड़ा गांव की 1200 एकड़ जमीन पर अपना हक जताया है, वही वक्फ के इस फरमान से किसानों के सामने दुविधा की स्थिति बनी हुई है| साथ ही सरकार पर भी वक्फ बोर्ड से मिली भगत का आरोप लगता दिखाई दे रहा है|

किसानों को दिए गए नोटिस में जमीन का मालिकाना हक शाह अमीनुद्दीन दरगाह का बताया गया है। किसानों का कहना है कि यह दरगाह सदियों से अस्तित्व में नहीं है, लेकिन उनके परिवार पीढ़ियों से इन जमीनों के मालिक रहे हैं। किसानों ने कहा, अगर ये जमीन वक्फ में गई तो हम सड़कों पर आ जाएंगे। करीब 41 किसानों को नोटिस मिला है और उनसे मालिकाना हक के दस्तावेज जमा करने को कहा गया है|

वक्फ बोर्ड का दावा है कि यह नोटिस 1974 के गजट घोषणा पर आधारित है| वक्फ बोर्ड के अनुसार, भूमि को राज्य सरकार द्वारा वक्फ संपत्ति के रूप में मान्यता दी गई थी और राजपत्रित किया गया था। मात्र, कुछ किसानों को गलती से नोटिस भेज दिया गया। वक्फ बोर्ड के मुताबिक, अगर किसानों के पास वैध भूमि रिकॉर्ड हैं, तो वक्फ बोर्ड उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा।

इस मामले को लेकर भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला| तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार एक खास धर्म को खुश करने के लिए किसानों की जमीन वक्फ बोर्ड को सौंपने की साजिश रच रही है| इस बीच मामला बढ़ता देख कर्नाटक के विजयपुरा जिले के प्रभारी मंत्री एम.बी. पाटिल ने शनिवार (26 अक्टूबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वक्फ संपत्ति विवाद पर सफाई दी|उन्होंने कहा कि इसमें से केवल 11 एकड़ जमीन ही वक्फ संपत्ति है, जबकि बाकी जमीन किसानों की है|

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री पाटिल ने कहा कि 11 एकड़ में से 10 एकड़ और 14 गुंटा में कब्रिस्तान हैं और बाकी 24 गुंटा में ईदगाह, मस्जिद और अन्य संरचनाएं हैं| उन्होंने कहा, ‘बाकी जमीन किसानों की है, इसकी पुष्टि तहसीलदार और जिला कलेक्टर ने की है|’उन्होंने आगे कहा, विजयपुरा जिले में वक्फ संपत्तियों की अधिसूचना 1974, 1978 और 2016 में जारी की गई थी।

वास्तविक वक्फ संपत्ति महल बगायत में है, लेकिन राजपत्र में गलती से महल बगायत के बाद होनवाड़ा नाम जोड़ दिया गया। मंत्री पाटिल ने कहा, ”जब किसानों ने यह मुद्दा उठाया तो मैंने 19 अक्टूबर को कलेक्टर, तहसीलदार और अन्य अधिकारियों की बैठक की और उन्हें उचित समाधान निकालने का निर्देश दिया| उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन वक्फ संपत्ति नहीं मानी जायेगी|

पाटिल ने स्पष्ट किया कि उनके बबलेश्वर विधानसभा क्षेत्र के होनवाडा गांव के सर्वेक्षण संख्या 10 में केवल 11 एकड़ भूमि वक्फ संपत्ति है। उन्होंने कहा, 1974 की अधिसूचना में इस गलती को वक्फ बोर्ड ने 1977 में सुधारा और होनवाड़ा का नाम रिकॉर्ड से हटा दिया गया। तहसीलदार और जिला कलेक्टर ने पुष्टि की है कि दस्तावेज़ में अचानक बदलाव के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हुई थी।

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