संभल में हुई हिंसा, दंगे पत्थरबाजी, गोलीबारी को लेकर विपक्ष ने काफी सवाल उठाये थे, जिनका जवाब हर कोई जानना चाहता है। हालांकि संभल पुलिस और प्रशासन ने ऐसे ही सवालों को लेकर एक पूरी रिपोर्ट तैयार की है, जो फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस रिपोर्ट में संभल पुलिस और जिला प्रशासन ने संभल पहुंची सर्वे टीम के मौके पर पहुंचने से लेकर हिंसा कब कैसे शुरू हुई इसकी विस्तृत जानकारी दी है। संभल पुलिस और जिला प्रशासन की रिपोर्ट में सीसीटीवी और अन्य सबूतों के आधार पर मौके पर मौजूत लोग और पत्थरबाजों की डीटेल दी गई है, इसमें पत्थरबाज़ी की शुरुवात करने से लेकर पूरा ब्यौरा दिया गया है। प्रदेश सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में हिंसक भीड़ पर पुलिस एक्शन के बारे में भी बताया गया है।
जानकारी के अनुसार, संभल पुलिस और प्रशासन ने प्रदेश सरकार को आगे की कारवाई, पुलिस जांच और पुलिस के एक्शन की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी है। फिलहाल संभल में भी हिंसा के तीसरे दिन हालात पटरी पर नहीं लौटे हैं। सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है, क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। हालांकि स्थिती सामान्य हो गई है लेकिन अधिकारियो ने एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवा को बंद रखने का फैसला बरक़रार रखा है।
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पुलिस कारवाई में अब तक 74 नकाबपोश दंगाइयों की पहचान कर ली गई है और सभी को पकड़ने का एक्शन प्लान तैयार हो रहा है। 7 एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जिनमें 22 व्यक्तियों का नाम शामिल हैं। समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क के विधायक के बेटे पर भी मुकदमा दर्ज है। पुलिस ने बड़ी संख्या में लोगों के खिलाफ अज्ञात में भी FIR दर्ज की है। आरोप के अनुसार सांसद और विधायक के बेटे ने 19 नवंबर को सर्वे में बाधा डालकर भड़काऊ बयान दिए। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक 25 पुरुषों और 2 महिलाओं सहित 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।