इजराइल ने हिजबुल्लाह के साथ युद्धविराम समझौता मान लिया है। यह समझौता बुधवार (27 नवंबर) को इजरायल के समयानुसार सुबह 4 बजे से प्रभावी हुआ है। कहा जा रहा है, इस विराम के साथ लगभग 14 महीने से जारी लड़ाई के अंत का मंच तैयार हो रहा है। अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष जो बाइडेन ने बताया है कि, इजरायल और ईरान समर्थित समूह हिजबुल्लाह ने यूनाइटेड स्टेटस ऑफ़ अमेरिका और फ्रांस द्वारा मध्यस्थता किए गए समझौते को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, इस समझौते से गाजा में हमास के खिलाफ का युद्ध नहीं थमेगा।
युद्धविराम की पांच शर्ते:
- समझौते में केवल 60 दिन के युद्धविराम की बात की गई है, जिसके तहत हिजबुल्लाह दक्षिणी लेबनान से हटते ही इजरायली सेना पीछे हट जाएगी। डील के अनुसार, इजरायली सेनाएं सीमा के अपने हिस्से में वापस लौट जाएंगी और हिजबुल्लाह दक्षिणी लेबनान के अधिकांश हिस्सों में अपनी सैन्य उपस्थिति खत्म कर देगा।
- इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम समझौता (Ceasefire Deal) बुधवार को इजरायल के समयानुसार सुबह 4 बजे से प्रभावी हो गया है।
- सीजफायर डील में लिटानी नदी के दक्षिणी क्षेत्र में हजारों लेबनानी सैनिकों और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की तैनाती का प्रावधान है।
- अमेरिका की अध्यक्षता में एक अंतरराष्ट्रीय ग्रुप सभी पक्षों द्वारा शर्तों के अनुपालन की निगरानी करेगा। अमेरिकी राष्ट्रध्यक्ष जो बाइडेन ने कहा कि इस समझौते का उद्देश्य शत्रुता को स्थायी रूप से खत्म करना है।
- इजराइल ने कहा है की यदि हिजबुल्लाह समझौते का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कारवाई की जाएगी, जबकि लेबनान ने इसका विरोध किया है। लेबनानी अधिकारियों ने डील में इस प्रावधान को शामिल करने का विरोध किया है।
हालाँकि इस समझौते से लेबनान में चल रहा विनाशकारी संघर्ष रुकने वाला है लेकीन गाझा में इजरायली डिफेंस फोर्सेस की और से मोर्चा नहीं थमेगा। अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने इस समझौते को ‘अच्छी खबर’ बताया है। जो बाइडेन ने कहा, “मैंने इजरायल और लेबनान के प्रधानमंत्रियों से बात की है और मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि उनकी सरकारों ने इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।”