कांग्रेस सांसद प्रियंका वाड्रा सोमवार (16 दिसंबर) को ‘फिलिस्तीन’ लिखा एक बैग लेकर संसद पहुंचीं। इससे राजनीतिक माहौल गरमा गया। भाजपा ने उनकी आलोचना की थी। इसके बाद मंगलवार (17 दिसंबर) को प्रियंका गांधी संसद एक बैग लेकर आईं, जिस पर संदेश था कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़ी हैं।
प्रियंका गांधी संसद में एक बैग लेकर आईं, जिस पर लिखा था, “हम बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़े हैं।” इसके अलावा प्रियंका वाड्रा मंगलवार को संसद परिसर में बांग्लादेश में हिंदुओं और ईसाइयों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कांग्रेस सांसदों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए इस बैग को कंधे पर लादे नजर आईं। अन्य सांसदों के हाथों में भी इसी तरह के बैग देखे गए। सरकार को बांग्लादेश में हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाना चाहिए। प्रियंका ने सुझाव दिया कि इस विषय पर बांग्लादेश सरकार से चर्चा की जानी चाहिए और पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
इससे पहले प्रियंका वाड्रा सोमवार को ‘फिलिस्तीन’ लिखा बैग लेकर संसद पहुंची थीं। इसमें एक तरबूज का चित्र भी था, जिसे फिलिस्तीनी एकता का प्रतीक माना जाता है। कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने प्रियंका वाड्रा की एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें वह अपना बैग दिखा रही थीं और कहा था, “प्रियंका गांधी जी अपने समर्थन के प्रतीक के रूप में एक विशेष बैग लेकर फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दिखा रही हैं। करुणा, न्याय और मानवता के प्रति वचनबद्धता!”
प्रियंका को उनके कार्यों के लिए पाकिस्तान से प्रशंसा मिली। इसलिए कहा जा रहा है कि कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम एक बार फिर सामने आ गया है। पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद हसन चौधरी ने प्रियंका गांधी की एक तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की है, जिसमें वह एक बैग लिए हुए हैं, जिस पर ‘फिलिस्तीन’ लिखा हुआ है। इसके अलावा उनकी प्रशंसा भी की गई है।
दरम्यान बांग्लादेश के अल्पसंख्यांकों पर अत्याचारों की ओर संवेदनहीनता दिखने
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इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के सांसद और प्रवक्ता संबित पात्रा ने वाड्रा की ‘फिलिस्तीन समर्थक हरकत’ के लिए कड़ी आलोचना की और कहा, “जहां तक गांधी परिवार के सदस्यों का सवाल है, यह कोई नई बात नहीं है।” नेहरू से लेकर प्रियंका वाड्रा तक सदस्य। गांधी परिवार तुष्टीकरण का झोला लेकर घूमता है। उन्होंने कभी भी देशभक्ति का बोझ अपने कंधों पर नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि यही उनकी हार का कारण था।