दुनियाभर में पाकिस्तान के प्रोफेशनल भिखारियों ने पाकिस्तान की फजीहत करा रखी है। कई देश पाकिस्तान के प्रोफेशनल भिखारियों से परेशान है। फजीहत के बाद अब पाकिस्तान ने खुद ही अपने 4,300 प्रोफेशनल भिखारियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाला है। ये प्रोफेशनल भिखारी हज करने के नाम पर सऊदी अरब जाते हैं और वहीं हज करने आए लोगों से भीख मांगने लगते है।
ऐसा भी देखा गया है कि ये लोग हज के नाम नाम से सऊदी जाते है और वहीं से दूसरे देशों के लिए निकल जाते हैं भीख मांगने के लिए। सऊदी के अधिकारीयों के अनुसार ये सब एक रैकेट की तरह चलता है।
इन भिखारियों की बढ़ती संख्या पर लगाम लगाने के लिए पाकिस्तान ने बड़ा कदम उठाया है। पाकिस्तान ने 4300 प्रोफेशनल भिखारियों को नो-फ्लाई लिस्ट में शामिल कर दिया गया है।
यह कारवाई सऊदी अरब समेत कई देशों की चेतावनियों के बाद की गई है।बता दें सऊदी अरब में भीख मांगना कानूनी अपराध है। ऐसा करने पर 6 महीने की जेल या 50 हजार रियाल तक का जुर्माना हो सकता है। पाकिस्तान के भिखारी उमरा और हज वीजा का गलत इस्तेमाल कर सऊदी अरब पहुंचते थे और वहां भीख मांगते थे। सऊदी हज मंत्रालय ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए पाकिस्तान को सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया था।
सऊदी अधिकारियों के अनुसार, मक्का की ग्रैंड मस्जिद में पकड़े गए 90 प्रतिशत जेबकतरे पाकिस्तानी थे। पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने इस समस्या से निपटने के लिए ‘उमराह एक्ट’ लाने का फैसला किया है। इसका कानून का उद्देश्य उमराह वीजा दिलाने वाली ट्रैवल एजेंसियों को कानूनी दायरे में लाना और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाना है।
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सऊदी अधिकारियों ने सितंबर 2023 में ओवरसीज अधिकारियों की बैठक में पाकिस्तान से हज कोटा देने में सतर्कता बरतने को कहा था। रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में गिरफ्तार होने वाले 90 प्रतिशत भिखारी पाकिस्तानी मूल के हैं। बढ़ती प्रोफेशनल भिखारियों की संख्या से UAE जैसे देश भी परेशान हैं और पाकिस्तानी लोगों को वीजा देने में हिचकिचा रहें हैं।