तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में वीरमथी अम्माँ मंदिर के पास एक दम्पंती द्वारा बीफ बेचा जा रहा था, जिसका विरोध करने पर भाजपा कार्यकर्ता सुब्रमणि के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया। सुब्रमणि के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का विरोध करने के लिए सैकड़ों स्थानीय लोग एकत्र हुए, जिसके बाद इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई। विरोध के बाद, भाजपा पदाधिकारी के खिलाफ मामला कथित तौर पर वापस ले लिया गया है।
दरअसल थुड़ीयालूर के उदयमपलायम गांव में वीरमथी अम्माँ मंदिर के पास कथित तौर पर, अभिता और रवि नामक दंपत्ति एक ठेले पर बीफ बिरयानी बेच रहे थे। वह दंपत्ति उदयमपलायम में अंबेडकर कॉलोनी के निवासी हैं और उन्होंने हाल ही में एसएस कुलम मिडिल स्कूल के पास मांसाहारी व्यंजन परोसने वाले कई स्टॉल लगाए थे।
9 जनवरी को अभिता ने कोयंबटूर सिटी पुलिस कमिश्नर के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने दावा किया कि भाजपा ओबीसी टीम के जिला सचिव सुब्रमणि ने उन्हें 25 दिसंबर को गोमांस बेचने से मना किया था। अपनी शिकायत में उसने कहा, “जब हमने उससे पूछा कि जब इलाके में दूसरे लोग मछली और चिकन के व्यंजन बेच रहे थे, तो हमें गोमांस बेचने से क्यों रोका जा रहा है, तो उसने हमें धमकाया। सुब्रमणि और उनके समर्थकों ने 5 जनवरी को फिर से हमें धमकाया।” अभिता की शिकायत के बाद थुड़ीयालूर पुलिस ने सुब्रमणि के खिलाफ धारा 351(2), 126(2), 192 और 196 के तहत मामला दर्ज किया।
दौरान सोशल मीडिया पर सुब्रमणि का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह कथित तौर पर दंपत्ति से कह रहे हैं कि वे इलाके में गोमांस बेचना बंद कर दें क्योंकि पास में एक मंदिर है । वीडियो में सुब्रमणि को यह कहते हुए सुना गया कि गोमांस की बिक्री बंद करने का फैसला पूरे गांव ने लिया था और सीपीएम पार्षद वी राममूर्ति को इसकी जानकारी थी।
जानकारी के अनुसार, शुरू में रवि ने गाड़ी हटाने के लिए हामी भर दी, लेकिन अभिता ने मना कर दिया। सुब्रमणि ने अपने और दंपत्ति के बीच हुई बहस को रिकॉर्ड किया और सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि गोमांस से बने व्यंजन न बेचने के फैसले का गांव वालों ने समर्थन किया है। वहीं गांव में प्रदर्शनकारियों ने मनियाकरमपलायम की ओर जाने वाली सड़क को जाम कर प्रदर्शन किया। इस गांव में मरियम्मन, वीरमति अम्मन और करुप्परायन सहित कई मंदिर हैं।
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बता दें की यह पहली बार नहीं है जब ग्रामीणों ने इस क्षेत्र में गोमांस की दुकानों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है, क्योंकि यहां मंदिर और स्कूल भी हैं। विवाद के बाद, गांव की समिति ने सड़क किनारे लगे सात ठेलों को हटाने का आदेश दिए है, जिसमें अभिता और रवि का ठेला भी शामिल है। सीपीएम और सीपीआई के पदाधिकारियों ने पुलिस कमिश्नर के समक्ष याचिका दायर कर लोगों के भोजन के अधिकार को बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप की मांग की, वहीं गांव के मुखिया वी पलानीसामी ने मांग की कि थुडियालुर पुलिस लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए दंपति के खिलाफ कारवाई करे।