युद्ध विराम के कुछ दिनों के भीतर हमास ने कई बंधकों को रिहा किया है। अक्टूबर 2023 में शुरू हुए इस युद्ध में बंधक बनाये गए इजरायली नागरिकों को अब धीरे धीरे रिहा किया जा रहा है। 400 से ज़्यादा दिनों से हमास की कैद में फसें इन नागरिकों की वापसी भावनात्मक है। हालांकि, अभी तक सभी बंधक वापस नहीं आ पाए हैं। हमास पर दबाव बनाते हुए अमेरिका के विदेश सचिव रुबीओ ने कहा कि वह जल्द से जल्द बंधकों को वापस भेजे।
शनिवार को आईडीएफ ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर हमास के द्वारा रिहा किये जाने वाले 3 लोगों के नाम घोषित किये। इजरायली फोर्सेज और सिन बेट तीनों को सीमा पर मिले और वहां से उन्हें मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया गया। सभी बंधकों की स्थिति देखने में एकदम दयनीय थी।
टाइम्स ऑफ़ इजराइल के सूत्रों के मुताबिक हमास ने इन्हे रिहा करने से पहले एक इवेंट किया जिसमें यह प्रोपेगंडा चलाया गया कि सभी बंधक सुरक्षित थे, लेकिन बंधकों की स्थिति देखकर इजरायली जनता में काफी आक्रोश और चिंता है।
अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते करीब 500 दिनों के बाद वापस आते इजरायली अपने जीवन के सबसे मुश्किल दौर को पीछे छोड़कर वापस अपने देश, अपने घर आये हैं। इजराइल और अमेरिका ने सख्ती दिखाते हुए कहा है कि अगर जल्द से जल्द सभी बाधकों को वापस नहीं किया गया तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमास को भारी नुक़सान उठाना पड़ेगा।
हाल ही में अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र की रिफ्यूजी संस्थान यूएन आरवा से भी सहभागिता वापस ले ली है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का कहना था कि यह संस्थान गाज़ा में रह रहे लोगों की मदद करने के बजाय वहां के आतंकवादी संगठन हमास के लिए काम करती है।
युद्ध के बाद फिलस्तीन की अर्थव्यवस्था, उनका इंफ्रास्ट्रक्चर एकदम ध्वस्त हो चुका है। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से यदि सहायता नहीं आएगी तो देश की परेशानी कई गुना बढ़ जाएगी और अमेरिका के प्रभाव के कारण यह भी हो सकता है कि फिलस्तीन को उसकी ज़रूरतों के हिसाब की सहायता न मिले।
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