तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की 24 करोड़ रुपये की चल संपत्ति तमिलनाडु सरकार को सौंप दी गई है|बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने शनिवार को जयललिता के सोने के आभूषणों सहित उनका सामान तमिलनाडु सरकार को सौंप दिया।
अदालत द्वारा जयललिता की जब्त की गई संपत्तियों को तमिलनाडु सरकार को सौंपने का निर्देश दिए जाने के बाद शुक्रवार को स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू की गई। सशस्त्र पुलिस की एक टुकड़ी को इन गहनों को छह सीलबंद बक्सों में पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मृत्यु के आठ साल से अधिक समय बाद ये गहने सरकार को सौंपे गए हैं। एसपी-रैंक अधिकारी के नेतृत्व वाले काफिले में छह वाहनों में 40 पुलिसकर्मी थे और बीच में सोने से भरा एक ट्रक सुरक्षित रखा गया था।
वास्तव में गहने क्या थे?: जयललिता के गहनों में एक सोने की परत चढ़ी तलवार, एक मुकुट, एक प्लेट, एक कमर बेल्ट और जयललिता जैसी एक मूर्ति, साथ ही सोने की घड़ियाँ, कलम, चूड़ियां और झुमके शामिल थे। साथ ही कुछ आभूषणों पर हीरे जड़े हुए थे।चांदी के बर्तन और भूमि दस्तावेजों सहित इन वस्तुओं को चेन्नई के पोएस गार्डन स्थित जयललिता के आवास से जब्त किया गया था और 2004 में बेंगलुरु लाया गया था।
तब जयललिता और उनके सहयोगियों शशिकला नटराजन, वी.एन सुधाकरन और जे.इलावरासी के खिलाफ बेहिसाब संपत्ति अर्जित करने के मामले की सुनवाई के लिए बेंगलुरु में एक विशेष अदालत स्थापित की गई थी। विशेष न्यायाधीश जॉन माइकल डी’ कुन्हा ने 2004 में सभी चार आरोपियों को दोषी ठहराया और उन्हें चार साल जेल की सजा सुनाई। जयललिता पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था,जबकि अन्य पर 10-10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
सोना के साथ आगे क्या किया जाएगा?: विशेष लोक अभियोजक किरण एस.जावली ने शनिवार को कहा कि तमिलनाडु सरकार या तो सोना रिजर्व बैंक में जमा करा सकती है या फिर सोने का वजन कराकर उसकी नीलामी कर सकती है। साथ ही इस मामले में खर्च की गई रकम शशिकला के जुर्माने से वसूल की जाएगी और बाकी रकम राज्य सरकार को ट्रांसफर कर दी जाएगी|
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