अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुलासा किया है कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात कर यूक्रेन में रूसी सेना से घिरे हजारों सैनिकों की जान बख्शने का अनुरोध किया। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि गुरुवार (13 मार्च) को उनकी पुतिन से एक “अच्छी और उपयोगी बातचीत” हुई। हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर स्थान का उल्लेख नहीं किया, लेकिन उनका इशारा रूस के कुर्स्क क्षेत्र की ओर था, जहां रूसी सेना तेजी से आगे बढ़ रही है और यूक्रेनी बलों पर दबाव बना रही है।
ट्रंप ने कहा, “हमारी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बहुत अच्छी और उपयोगी बातचीत हुई। इस खून-खराबे वाले भयानक युद्ध को खत्म करने की बड़ी संभावना है। लेकिन इस समय हजारों यूक्रेनी सैनिक पूरी तरह रूसी सेना से घिरे हुए हैं और बेहद मुश्किल स्थिति में हैं। मैंने पुतिन से जोर देकर अनुरोध किया कि उनकी जान बख्शी जाए। यह बहुत भयानक नरसंहार होगा, जैसा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कभी नहीं देखा गया।”
हालांकि, यूक्रेन के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कुर्स्क क्षेत्र में उनकी सुरक्षा रणनीति मजबूत है और उनकी सेना वहां मजबूती से डटी हुई है। इसी बीच, ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ गुरुवार को मॉस्को पहुंचे, जहां उन्होंने संभावित युद्धविराम को लेकर बातचीत की। उसी दिन रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने युद्धविराम पर सैद्धांतिक सहमति जताई, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें रखीं।
रूस की मुख्य मांग है कि युद्धविराम के दौरान यूक्रेन अपनी सैन्य ताकत न बढ़ाए और उसे बाहरी हथियारों की आपूर्ति न मिले। अमेरिका ने इस बीच 30 दिन के युद्धविराम का प्रस्ताव रखा, जिसे यूक्रेन ने सऊदी अरब के जेद्दा में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में स्वीकार कर लिया। इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और यूक्रेनी अधिकारी मौजूद थे।
अब यह देखना होगा कि युद्धविराम को लेकर आगे की बातचीत किस दिशा में बढ़ती है और क्या रूस-यूक्रेन युद्ध में कोई बड़ी राहत देखने को मिलती है।
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