महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार (17 मार्च) को हिंसा भड़क उठी जब औरंगजेब की कब्र को गिराने की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे थे। इस दौरान दो समूहों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और कर्फ्यू लागू कर दिया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हालात पर लगातार नजर बनाए रखते हुए पुलिस को उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
सोमवार (17 मार्च) शाम कुछ संगठनों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को गिराने की मांग को लेकर था। विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन इसके बाद कुरआन जलाने की अफवाह उड़ाते ही, हिंदू संगठनों के शांतिपूर्ण आंदोलनों पर हमले किए गए । हालांकि, पुलिस ने तत्काल कारवाई करते हुए स्थिति को संभाल लिया।
शाम 7 बजे के करीब, नागपुर के शिवाजी चौक पर हिंदू समूह इकट्ठा हो कर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहा था। इस समूह के विरोध में मुस्लिम पक्ष वहां पहुंच गया और दोनों ओर से बहसबाजी और उकसाने का काम किया। देखते ही देखते स्थिति बेकाबू हो गई और हिंसा भड़क उठी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महल क्षेत्र में दो समूहों के बीच भारी पथराव और वाहनों में आगजनी हुई। पुलिस और अग्निशमन कर्मी भी घायल हो गये। पुलिस ने अब गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है और कई लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने कहा है कि यहां स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। हिंसा में लगभग 20 लोग घायल हुए, जिनमें 15 पुलिसकर्मी शामिल हैं।
घटना पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वीडियो संदेश जारी कर कहा,”नागपुर की महाल इलाके में जो घटनाएं हुई हैं, वे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया, पुलिस पर हमला किया, जो बिल्कुल अस्वीकार्य है। हम किसी भी हाल में इस तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेंगे। नागपुर एक शांतिप्रिय शहर है और इसकी शांति भंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
मुख्यमंत्री ने पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल को स्पष्ट निर्देश दिए : शहर में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने, पथराव और दंगा फैलाने वालों को तत्काल गिरफ्तार करने, संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने के निर्देश दिए है। साथ ही अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश भी पुलिस विभाग को दिए गए है। साथ ही स्थिती को जल्द से जल्द सामान्य करने के लिए कर्फ्यू का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए है।
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, “नागपुर की शांति और सौहार्द को किसी भी तरह से बिगड़ने नहीं देना चाहिए। अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन का सहयोग करें।”
पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने बताया कि हिंसा में शामिल 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है। शहर के 10 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है, जिसमें कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर शामिल हैं। फ़िलहाल पुलिस की सतर्कता और कर्फ्यू के चलते स्थिति नियंत्रण में है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे घरों में रहें और अफवाहों से बचें।