महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे एक सुनियोजित घटना बताया है। उन्होंने कहा कि पुलिस पर हमला किया गया, पत्थरों से भरी ट्रॉलियां बरामद की गईं और बड़ी मात्रा में हथियार भी मिले हैं। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि इस हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने विधानसभा सत्र में घटना का पूरा घटनाक्रम बताते हुए नागपुर समेत पूरे राज्य के नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की।
मुख्यमंत्री फडणवीस के अनुसार, सोमवार सुबह 11:30 बजे विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नागपुर के महल इलाके में ‘औरंगजेब की कब्र हटाओ’ जैसे नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने घास की कतरनों से बनाई गई प्रतीकात्मक कब्र को जलाया। पुलिस ने इस मामले में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
शाम होते-होते एक अफवाह फैल गई कि जिस कपड़े को जलाया गया था, उस पर धार्मिक पाठ लिखा हुआ था। इसके बाद लगभग 200 से 250 मुस्लिम कट्टरपंथी अत्तर रोड स्थित नमाज स्थल पर एकत्र हो गए और नारेबाजी करने लगे। हिंसक बयान दिए गए और वहां मौजूद पुलिस पर हमला करने की धमकी दी गई। हालात बिगड़ने के बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
इसके बाद, गणेश पेठ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे लोगों से बातचीत चल रही थी, तभी अंसापुरी क्षेत्र में 200 से 300 कट्टरपंथी लाठी-डंडों और पत्थरों के साथ जुट गए। वे अपने चेहरों पर कपड़ा बांधे हुए थे और अचानक ही पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस हिंसा में 12 दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि कुछ लोगों पर धारदार हथियारों से हमला किया गया।
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तीसरी घटना शाम 7:30 बजे भालदारपुरा इलाके में हुई, जहां 80 से 90 लोगों की भीड़ ने पुलिस पर हमला बोल दिया। इस दौरान एक क्रेन, दो जेसीबी और कुछ चार पहिया वाहन आग के हवाले कर दिए गए। इस हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें तीन डीसीपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं। एक डीसीपी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया। इसके अलावा, पांच नागरिक भी घायल हुए, जिनमें से तीन को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि एक की हालत गंभीर बनी हुई है और वह आईसीयू में भर्ती है।
हिंसा के बाद नागपुर पुलिस ने गणेश पेठ पुलिस स्टेशन में तीन और तहसील पुलिस स्टेशन में दो मामले दर्ज किए हैं, जिससे कुल पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है, जबकि एसआरपीएफ की पांच इकाइयां तैनात की गई हैं।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि घटना की गहराई से जांच की जा रही है। घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार और पत्थर बरामद हुए हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि यह हमला पहले से योजनाबद्ध था। उन्होंने कहा कि हमलावरों ने जानबूझकर कुछ घरों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। राज्य सरकार किसी भी कीमत पर पुलिस पर हमले को बर्दाश्त नहीं करेगी और दोषियों पर सख्त कारवाई की जाएगी।
फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई राज्य में दंगा भड़काने की कोशिश करेगा, तो उसकी जाति या धर्म की परवाह किए बिना कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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