केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को 17वें ANR इंडिया वार्षिक सम्मेलन ‘नार्विगेट 2025’ को संबोधित करते हुए रियल एस्टेट इंडस्ट्री के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह उद्योग देश की आर्थिक मजबूती की रीढ़ है और ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
अपने संबोधन में मनोहर लाल ने इस उद्योग की व्यापकता को रेखांकित करते हुए कहा कि रियल एस्टेट न केवल शहरों तक सीमित है, बल्कि गांवों और कस्बों में भी इसकी गहरी पैठ है। यह लाखों लोगों को रोजगार देने के साथ-साथ समाज के हर वर्ग के लिए आवास उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि घर हर व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व रखता है, और जब कोई अपना घर पाता है, तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता।
तकनीक के इस्तेमाल को रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीकों के जरिए इस उद्योग को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना जरूरी है ताकि तेजी से बढ़ते शहरीकरण की चुनौतियों का सामना किया जा सके और लोगों को किफायती घर उपलब्ध कराए जा सकें।
शहरीकरण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए उन्होंने ‘इन-सीटू डेवलपमेंट’ की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह मॉडल आने वाले समय में शहरी विकास के लिए बेहद अहम साबित होगा क्योंकि यह संतुलित और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देगा। इसके अलावा, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को एक प्रभावी रेंटल हाउसिंग स्कीम लागू करनी चाहिए, जिससे झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को बेहतर आवास मिल सके।
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इससे पहले, केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “रियल एस्टेट क्षेत्र समुदायों को आकार देने, आर्थिक विकास को गति देने और राष्ट्र के मजबूत भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, इस क्षेत्र की यात्रा में नवाचार और वैश्विक प्रौद्योगिकी का समावेश इसे और आगे ले जाएगा।”
सम्मेलन में शामिल विशेषज्ञों और उद्यमियों ने भी रियल एस्टेट क्षेत्र की संभावनाओं और चुनौतियों पर चर्चा की। भारत के शहरी विकास के लिए इस उद्योग को महत्वपूर्ण मानते हुए सभी ने सहमति जताई कि रियल एस्टेट न केवल आर्थिक वृद्धि का स्रोत है, बल्कि यह देश के सामाजिक और बुनियादी ढांचे को भी मजबूती प्रदान करता है।