सरकारी क्षेत्र के बैंकों (PSB) की वित्तीय स्थिति में जबरदस्त सुधार देखने को मिला है, जिससे वित्त वर्ष 2023-24 में उनके द्वारा दिए जाने वाले डिविडेंड में 33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस वर्ष सरकारी बैंकों ने 27,830 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया, जो पिछले वित्त वर्ष के 20,964 करोड़ रुपये के मुकाबले कहीं अधिक है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, PSB से सरकार को कुल डिविडेंड का 65 प्रतिशत यानी 18,013 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ है। यह वृद्धि मुख्य रूप से सरकार की बहुलांश हिस्सेदारी के कारण हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार को पीएसबी से 13,804 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिला था, जिसमें भारतीय स्टेट बैंक (SBI) भी शामिल था।
सरकारी बैंकों द्वारा दिया गया अधिक डिविडेंड उनके रिकॉर्ड मुनाफे के कारण संभव हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 में 12 सरकारी बैंकों ने सामूहिक रूप से अब तक का सबसे अधिक 1.41 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 1.05 लाख करोड़ रुपये था। अकेले वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीनों में इन बैंकों ने 1.29 लाख करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया।
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इस वर्ष सरकारी बैंकों को कुल 61,077 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ, जिसमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का योगदान 40 प्रतिशत रहा। पिछले वित्त वर्ष में यह मुनाफा 50,232 करोड़ रुपये था। पंजाब नेशनल बैंक ने इस साल सबसे अधिक 228 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जिससे उसका लाभ 8,245 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसी अवधि में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का मुनाफा 62 प्रतिशत बढ़कर 13,649 करोड़ रुपये हो गया, जबकि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का लाभ 61 प्रतिशत बढ़कर 2,549 करोड़ रुपये हो गया।
सरकारी बैंकों की यह मजबूत वित्तीय स्थिति महत्वपूर्ण है, क्योंकि वित्त वर्ष 2017-18 में इन्हें 85,390 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ था। अब जब बैंक लगातार मुनाफे में आ रहे हैं, तो यह सरकारी खजाने को मजबूती देने के साथ ही बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता को भी दर्शाता है।