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Monday, April 21, 2025
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आखिर क्यों LIC ने कहा- “सरकार से नहीं मिलती कोई स्पेशल ट्रीटमेंट”

यूएसटीआर की टिप्पणी पर भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने पेश किया पक्ष

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भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने स्पष्ट किया है कि उसे भारत सरकार या किसी विनियामक संस्था से कोई “स्पेशल ट्रीटमेंट” नहीं मिलता है। यह बयान अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि संस्था यूएसटीआर की हालिया रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि केंद्र सरकार एलआईसी को अनावश्यक रूप से विशेष सुविधाएं देती है।

एलआईसी ने शुक्रवार (4 अप्रैल) को एक आधिकारिक बयान में यूएसटीआर के दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह एक प्रतिस्पर्धी बीमा बाजार में कार्य कर रही है और उसे अन्य बीमा कंपनियों की तरह ही विनियमित किया जाता है। कंपनी ने यूएसटीआर से अपनी रिपोर्ट में “अधिक संतुलित और तथ्य-आधारित मूल्यांकन” की अपील की है।

एलआईसी के मुताबिक, “1956 में राष्ट्रीयकरण के समय दी गई सरकारी गारंटी केवल जनता के विश्वास को मजबूत करने के लिए दी गई एक वैधानिक व्यवस्था थी, न कि एलआईसी को बाजार में कोई अनुचित बढ़त दिलाने के लिए।” यह गारंटी कभी भी मार्केटिंग टूल की तरह इस्तेमाल नहीं की गई और न ही इसके जरिए कंपनी को कोई विशेष लाभ मिला है।

कंपनी के चेयरमैन और सीईओ सिद्धार्थ मोहंती ने कहा, “हम ‘गवर्नेंस’, ‘सेवा’ और ‘ग्राहक विश्वास’ के उच्चतम मानकों के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने यह भी दोहराया कि एलआईसी 69 वर्षों से 30 करोड़ से अधिक पॉलिसीधारकों की सेवा कर रही है और इसकी बाजार स्थिति इसकी पारदर्शिता, वित्तीय मजबूती और सेवा गुणवत्ता का परिणाम है।

एलआईसी ने इस बात पर भी जोर दिया कि वह भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा नियमित रूप से निगरानी में है और उसे किसी तरह की प्रशासनिक या नियामक ढील नहीं दी जाती।

फरवरी 2025 तक, एलआईसी का कुल प्रीमियम कलेक्शन 1.90 लाख करोड़ रुपये रहा, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.90 प्रतिशत अधिक है। ग्रुप ईयरली रिन्यूएबल प्रीमियम में 28.29 प्रतिशत और इंडिविजुअल प्रीमियम सेगमेंट में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

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एलआईसी ने अंत में कहा, “यूएसटीआर की रिपोर्ट भारत में बीमा नियमन और एलआईसी की कार्यप्रणाली की अधूरी समझ पर आधारित प्रतीत होती है। हम वित्तीय समावेशन और नीति धारकों की सुरक्षा में अपने योगदान की निष्पक्ष और तथ्यात्मक सराहना की अपेक्षा रखते हैं।” यह बयान ऐसे समय में आया है जब एलआईसी, एक सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज बीमा कंपनी, देश के बीमा क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और वैश्विक निगरानी की चुनौतियों का सामना कर रही है।

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