30 C
Mumbai
Sunday, December 28, 2025
होमन्यूज़ अपडेटक्या करना होगा मॉक ड्रील के दौरान?

क्या करना होगा मॉक ड्रील के दौरान?

यह मॉक ड्रिल केवल ऑपरेशनल परीक्षण नहीं है, बल्कि यह सार्वजनिक जागरूकता और भागीदारी को भी बढ़ावा देने का प्रयास है।

Google News Follow

Related

केंद्र सरकार ने 7 मई को देशभर में एक विस्तृत नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। गृह मंत्रालय (MHA) ने कई राज्य सरकारों को यह निर्देश भेजा है, जो विशेष रूप से पहलगाम आतंकी हमले के बाद उठाया गया कदम है। इस हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।

गृह मंत्रालय के निर्देश में राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को स्थानीय अधिकारियों, स्वयंसेवकों, छात्रों और रक्षा सेवाओं को इस आपातकालीन तैयारियों में शामिल करने का आग्रह किया गया है। यह कदम 244 जिलों में नागरिक सुरक्षा प्रोटोकॉल को फिर से सक्रिय करने की दिशा में है।

अब क्यों हो रही है यह मॉक ड्रिल?

भारत के पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर बढ़ते खतरों के बीच, सरकार ने नागरिक सुरक्षा की “अधिकारिता और तैयारी” को प्राथमिकता दी है। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के जोखिमों को देखते हुए उठाया गया है, जिसमें हवाई हमले, आंतरिक व्यवधान और पूर्ण पैमाने पर हमले जैसी स्थितियों से निपटने की आवश्यकता है। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह सबसे बड़ी नागरिक सुरक्षा आयोजन की कोशिश है जो शीत युद्ध के समय के बाद से की जा रही है, और यह भारत की आंतरिक सुरक्षा नीति में बदलाव का संकेत है।

मॉक ड्रिल में क्या होगा?

यह मॉक ड्रिल कई स्तरों पर होगी, जो जिलों से लेकर गांवों तक फैलेगी। इसमें हवाई हमले, सामूहिक निकासी और संचार विघटन जैसी स्थितियों का अभ्यास किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन इस अभ्यास को सार्वजनिक और संस्थागत भागीदारी के साथ आयोजित करेगा।

मुख्य भागीदारों में नागरिक सुरक्षा वार्डन, होम गार्ड स्वयंसेवक (सक्रिय और आरक्षित), NCC, NSS, NYKS के सदस्य और स्कूलों और कॉलेजों के छात्र शामिल होंगे।

मॉक ड्रिल में परीक्षण किए जाने वाले प्रमुख उपाय:

  1. एयर रेड सायरन का संचालन: निर्धारित शहरों में एयर रेड सायरन को टेस्ट किया जाएगा ताकि नागरिकों को हवाई हमले के लिए चेतावनी मिल सके। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि अलर्ट सिस्टम कार्यशील हो और सार्वजनिक आश्रय की ओर तेज़ी से लोगों को भेज सके।

  2. नागरिक प्रशिक्षण: स्कूलों और सार्वजनिक संस्थाओं में वर्कशॉप्स और ड्रिल्स आयोजित की जाएंगी, जिसमें नागरिकों को शत्रुतापूर्ण घटनाओं के दौरान प्रतिक्रिया करने के तरीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्राथमिक चिकित्सा से लेकर आपातकालीन निकासी तक के कदमों को कवर करेगा।

  3. ब्लैकआउट प्रोटोकॉल: शहरों और प्रतिष्ठानों में ब्लैकआउट अभ्यास किए जाएंगे ताकि यह परीक्षण किया जा सके कि वे दुश्मन की पहचान से बचने के लिए कितनी जल्दी अंधेरे में जा सकते हैं। इसमें सभी लाइट्स और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को बंद करने का अभ्यास होगा।

  4. कैमुफ्लाज अभ्यास: रणनीतिक प्रतिष्ठानों जैसे पावर स्टेशनों, रक्षा ढांचों और संचार हब्स को छिपाने का अभ्यास किया जाएगा, ताकि यह जांचा जा सके कि ये संपत्ति दुश्मन के निशाने से कितनी जल्दी और प्रभावी तरीके से छिपाई जा सकती है।

  5. निकासी अभ्यास: निकासी योजनाओं के ड्राई रन किए जाएंगे, ताकि मौजूदा प्रक्रियाओं में किसी भी खामी का पता चल सके और लोगों को उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा किया जा सके।

अधिकारियों का कहना है कि यह मॉक ड्रिल केवल ऑपरेशनल परीक्षण नहीं है, बल्कि यह सार्वजनिक जागरूकता और भागीदारी को भी बढ़ावा देने का प्रयास है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “यह अभ्यास नागरिकों को राष्ट्रीय रक्षा का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करने के बारे में है, सिर्फ सेना ही नहीं।”

यह भी देखें:

SSOC अमृतसर की बड़ी कार्रवाई: आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश, भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद

अवैध घुसपैठियों को ट्रंप का ऑफर: अपने से लौटने पर देंगे 1,000 डॉलर्स का वजीफा !

सरकार के सख्त आदेश, 7 मई को देशभर में होगा नागरिक सुरक्षा का मॉक ड्रिल!

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,560फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
285,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें