जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सुरक्षा तैयारियों को और भी पुख्ता बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्रालय ने देशभर के राज्यों को 7 मई को व्यापक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है, ताकि किसी भी आकस्मिक खतरे से निपटने के लिए नागरिकों को प्रशिक्षित किया जा सके।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारत आतंकवादी हमले में मारे गए 26 नागरिकों के प्रति अपनी प्रतिक्रिया में कड़ा रुख अपनाने की तैयारी कर रहा है। जानकारी के अनुसार इस मॉक ड्रिल के दौरान एयर रेड वार्निंग सायरन, नागरिक सुरक्षा तकनीकों का प्रशिक्षण और अन्य आपातकालीन प्रोटोकॉल की गतिविधियाँ शामिल होंगी। इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को हमले की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने की तैयारी कराना है।
इसके अतिरिक्त, इस अभ्यास के तहत “क्रैश ब्लैकआउट” की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें दुश्मन की हवाई निगरानी से बचने के लिए शहरों और महत्वपूर्ण ढांचों को छिपाने के उपायों का परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की त्वरित कैमुफ्लाजिंग (छिपाने) की व्यवस्था की जाएगी, ताकि राष्ट्रीय संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसी भी आपात स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जल्दी से पहुंचाने के लिए निकासी योजनाओं का पूर्वाभ्यास किया जाएगा। गृह मंत्रालय के इस आदेश के बाद की उच्चस्तरीय बैठकें यह संकेत देती हैं कि भारत पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान के खिलाफ एक कड़ा सैन्य कदम उठा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस मुद्दे पर राजनीतिक नेतृत्व से भी विचार-विमर्श हुआ है, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, लेकिन देश के नागरिकों की तरफ से पाकिस्तान को करारा जवाब देने की मांग भी जोर पकड़ रही है।
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