अभिनेता जॉन अब्राहम अपनी आगामी फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ की रिलीज को लेकर उत्साहित हैं और हाल ही में फिल्म के सेट पर भारतीय राजनयिक जेपी सिंह से अपनी मुलाकात के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि असल जीवन में डिप्लोमैट ऐसे ही होते हैं।
बता दें की ‘द डिप्लोमैट’, जो एक सच्ची घटना पर आधारित है, में जॉन ने पाकिस्तान से एक भारतीय महिला को बचाने वाले भारतीय डिप्लोमैट की भूमिका निभाई है। जॉन ने फिल्म के लिए आयोजित वर्कशॉप के दौरान किए गए अभ्यास के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि यह उन्हें अपने किरदार में ढलने में कैसे मददगार साबित हुआ।
जॉन ने कहा कि जेपी सिंह से सेट पर मुलाकात के दौरान उन्होंने उनकी बॉडी लैंग्वेज और बातचीत पर भी ध्यान दिया। उन्होंने बताया, “जेपी सिंह सर सेट पर आए और मैंने देखा कि वे बहुत सरल और मधुर तरीके से बोल रहे थे। लेकिन वे बेहद तेज-तर्रार हैं, जैसे शतरंज की खेल में आपकी चालें होती हैं, वे हमेशा 10 कदम आगे सोचते हैं।”
इससे पहले जॉन ने बताया कि वह कैसे जिओपॉलिटिकल मुद्दों में रुचि रखते हैं और यही कारण था कि वह इस फिल्म से जुड़े। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि इस तरह की रुचि आसानी से जुनून में बदल सकती है, जो चिंता पैदा कर सकती है और शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन के स्तर को प्रभावित कर सकती है।
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जॉन ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें जिओपॉलिटिकल मुद्दों की चिंता रहती है, जैसे कि पर्यावरणीय मुद्दों को लेकर लोगों को होती है। उन्होंने कहा, “मैं इजरायल और हमास के बीच हो रही घटनाओं और रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी नजर रखता हूं। आज दुनिया के अधिकांश संघर्षों का केंद्र यरुशलम है, जो ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।”
अभिनेता जॉन अब्राहम का मानना है कि जिओपॉलिटिकल ज्ञान व्यक्ति को अधिक जागरूक बनाता है और जब वह इसे साझा नहीं भी करता, तब भी दर्शकों को यह महसूस होता है कि वह इस क्षेत्र में जानकार है।
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