अभिनेत्री सुष्मिता सेन की सीरीज “ताली” का टीजर तहलका मचा रहा है। सुष्मिता सेन की यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है। बताया जा रहा है कि ताली फिल्म ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता गौरी सावंत की जीवनी पर आधारित है। यह सीरीज 15 अगस्त को जियो सिनेमा पर आएगी। तो आइये जानने की कोशिश करते हैं कि कौन गौरी सावंत।
गणेश नंदन से गौरी सावंत: गौरी सावंत का जन्म पुणे में हुआ है। उनका जन्म 2 जुलाई 1979 में मराठी परिवार में हुआ था। उनके माता पिता ने उनका नाम गणेश नंदन रखा था। गौरी सावंत जब सात साल की थी तभी उनकी मां का निधन हो गया। उनकी मां के निधन के बाद उनकी दादी ने लालन पालन किया। लेकिन जैसे जैसे गौरी सावंत बड़ी हुई उनके रहन सहमें बदलाव होने लगा था। स्कूल में भी बच्चे उनके साथ भद्दा मजाक करते और चिड़ाते थे। तमात दुश्वारियों के बावजूद गौरी सावंत ने स्कूल की पढ़ाई नहीं छोड़ी और स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद मुंबई विश्वविद्यालय से गेजुएट की पढ़ाई पूरी की। शुरू में उनका जीवन बहुत ही संघरषपूर्ण रहा है। उन्होंने छोटी उम्र में ही अपना घर छोड़ दिया। गौरी को लड़कों की तरह रहना पसंद नहीं था। टीवी में महिलाओं को देखकर वे भी उन्ही की तरह दिखने की कोशिश करती थी।
भीख मांगा: गौरी के पिता पुलिस अफसर थे, जो बहुत ही गुस्सैल थे।गौरी ने 16 साल की उम्र में अपना परिवार छोड़ दिया। उनका एक भाई और एक बहन भी है। जब उनका जन्म हुआ था तो घर वाले बहुत खुश थे। लेकिन जब गौरी का लड़कों वाले कपडे पहनने के बजाय लड़कियों के कपडे पहनती थी। अपने घर वालों के छूपकर कभी कभार अपनी दादी की साडी भी पहन लेती थी। उनके बदलते व्यवहार से परिवार और आसपास के उन्हें छक्का, हिजड़ा किन्नर कह कर बुलाते थे। मुंबई पहुंचने पर उन्होंने कुछ समय तक ट्रैफिक पर भीख भी मांगे बाद में उन्होंने दादर के ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के साथ रहने लगी।
केबीसी में हुई शामिल: गौरी सावंत ने कुछ समय बाद किन्नर समुदाय के हित काम करने वाली एक संस्था बनाई। जिसका उन्होंने नाम रखा “सखी चार चौघी”। गौरी सावंत की एक बेटी है जिसे उन्होंने गोद लिया है। हालांकि किन्नरों को बच्चा गोद लेने का अधिकार नहीं है, लेकिन उन्होंने इसकी क़ानूनी लड़ाई लड़ी और जीत दर्ज की। उनकी बेटी का नाम गायत्री है। जो पेशे से डेंटिस है। गौरी सावंत कौन बनेगा करोड़पति में भी शामिल हुई थी. उन्होंने सीजन -9 में 25 लाख रुपया जीता था। गौरी सावंत ने सेक्स वर्करों के बच्चों के लिए एक ट्रस्ट बनाया था जिसका नाम उन्होंने “आजी का घर” रखा था। लेकिन अमिताभ बच्चन ने इस नाम को बदलकर “नानी का घर” रख दिया।
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