महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) भुगतान करने वालों के लिए माफी योजना की घोषणा करते हुए शुक्रवार को राजस्व घाटे का बजट पेश किया। यह शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार का तीसरा बजट है। वित्त मंत्री ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि वार्षिक योजना के लिए 1,50,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
पवार ने कहा कि बजट अनुमान के अनुसार, राजस्व प्राप्तियां 4,03,427 करोड़ रुपये और राजस्व व्यय 4,27,780 करोड़ रुपये होगा। इस प्रकार राजस्व घाटा 24,353 करोड़ रुपये का होगा। 2021-22 के संशोधित अनुमान के अनुसार कर से प्राप्त होने वाला राजस्व 2,75,498 करोड़ रुपये होगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी बकाया के लिए एक माफी योजना लाई जाएगी जिसे ‘महाराष्ट्र में कर, ब्याज, जुर्माना या विलंब शुल्क के बकाया की निपटान योजना, 2022’ कहा जाएगा और यह एक अप्रैल 2022 से 30 सितंबर 2022 तक चलेगी। अनुमान है कि लगभग 2.2 लाख मामलों में इस योजना से मध्यम स्तर के डीलरों को लाभ होगा। इस माफी योजना के तहत 20 प्रतिशत की एकमुश्त राशि के भुगतान पर शेष 80 प्रतिशत बकाया राशि पर छूट दी जाएगी।
महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति :
राजस्व प्राप्ति :- 4,03,427 करोड़ रुपये
राजस्व खर्च :- 4,27,780 करोड़ रुपये
राजस्व घाटा :- 24,353 करोड़ रुपये
कर्ज भी बढ़ा: महा आघाडी सरकार में महाराष्ट्र पर कर्ज बोझ बढ़कर 6,49,699 करोड़ रुपये हो गया है। यह राज्य की जीडीपी का 18.14 फीसदी है। इससे पहले 2019-20 में राज्य पर 4,51,117 करोड़ रुपये, 2020-21 में 5,19,086 करोड़ रुपये और 2021-22 में 5,72,379 करोड़ रुपये कर्ज था।
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