नई दिल्ली। मोदी सरकार ने दिवाली पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी कटौती कर देशवासियों को बड़ा तोहफा दिया। सरकार ने पेट्रोल पर 5 रूपये जबकि डीजल पर 10 रूपये उत्पाद शुल्क में कटौती की। जिसकी वजह से कई राज्यों ने भी वैट में कटौती कर जनता को राहत देने की कोशिश की। अब इन कटौतियों के कारण कई राज्यों पेट्रोल 100 रुपये के नीचे आ गया। हालांकि कई कांग्रेस शासित राज्य अपने यहां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती नहीं किये हैं। महाराष्ट्र की बात करें तो महंगाई का केवल दिखावा करने वाली ठाकरे सरकार अब तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती पर कोई निर्णय नहीं लिया। बता दें कांग्रेस और राजनीतिक पार्टी शासित राज्यों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती नहीं किये हैं। जिसमें महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, दिल्ली, झारखंड, पंजाब आदि शामिल हैं। अगर देखा जाए तो बीजेपी-एनडीए और केंद्र शासित (दिल्ली को छोड़कर ) राज्यों वैट में कटौती की है।
कर्नाटक: कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को केंद्र द्वारा क्रमश: 10 रुपये और 5 रुपये की समान कटौती के बाद डीजल और पेट्रोल की कीमत में ₹7 प्रति लीटर की कमी करने की अधिसूचना जारी की। राज्य सरकार ने एक विज्ञप्ति में दावा किया कि कर्नाटक पेट्रोल और डीजल पर बिक्री कर कम करने वाला पहला राज्य है। इसके साथ, डीजल की कीमतें 3 नवंबर को ₹104.50 से घटाकर ₹85.03 कर दी गईं, जो कि ₹19.47 की कमी है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि पेट्रोल की कीमतें 3 नवंबर को ₹113.93 से घटाकर ₹100.63 कर दी गईं, जो कि ₹13.30 की कमी है।
मिजोरम: मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने कहा कि केंद्र द्वारा ईंधन पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी की घोषणा के एक दिन बाद, मिजोरम सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 7 रुपये प्रति लीटर की कटौती की।
हरियाणा: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में 12 रुपये की कटौती की घोषणा की।
गुजरात: मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, गुजरात सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में 7 रुपये प्रति लीटर की कमी की है।
बिहार: बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने गुरुवार को उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र द्वारा उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में कटौती के एक दिन बाद पेट्रोल और डीजल पर अपनी वैट दर ₹ 3 प्रति लीटर से अधिक कम कर दी। इस आशय की घोषणा मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर की। आज की अधिसूचना के आधार पर कर्नाटक के पेट्रोल पर बिक्री कर का हिस्सा 35 से घटाकर 25.9 प्रतिशत और डीजल पर 24 से घटाकर 14.34 प्रतिशत कर दिया गया है।
ओडिशा: ओडिशा सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में 3 रुपये प्रति लीटर की कमी और तटीय राज्य में 5 नवंबर की मध्यरात्रि से इसके कार्यान्वयन की घोषणा की।
अरुणाचल प्रदेश: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गुरुवार को घोषणा की कि उनकी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर दरों में 5.5 प्रतिशत की कमी की है। संशोधित वैट दरें पूर्वोत्तर राज्य में 5 नवंबर की मध्यरात्रि से लागू होंगी।
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मूल्य वर्धित कर (वैट) में चार प्रतिशत की कटौती और दो ईंधन पर उपकर में 1.50 रुपये की कटौती की घोषणा की। नतीजतन, राज्य की राजधानी भोपाल में शुक्रवार से पेट्रोल की कीमत 106.86 रुपये और डीजल की कीमत 90.95 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी।
नगालैंड: नागालैंड सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में 7 रुपये प्रति लीटर की कमी की घोषणा की। केंद्रीय और राज्य करों में कटौती के साथ पूर्वोत्तर राज्य में पेट्रोल 12 रुपये प्रति लीटर और डीजल 17 रुपये सस्ता हो गया।
चंडीगढ़: चंडीगढ़ प्रशासन ने गुरुवार को 4 नवंबर की मध्यरात्रि से पेट्रोल और डीजल पर वैट में 7 रुपये की कमी की घोषणा की।
हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि पेट्रोल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) 2 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4.60 रुपये कम किया जाएगा। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में पेट्रोल 12 रुपये प्रति लीटर सस्ता होगा जबकि डीजल भी 17 रुपये प्रति लीटर सस्ता होगा।
जम्मू और कश्मीर: जम्मू-कश्मीर सरकार ने गुरुवार को इनकी कीमतों में अतिरिक्त ₹7 प्रति लीटर की कमी की।सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश में अब पेट्रोल पर 24 प्रतिशत और डीजल पर 16 प्रतिशत मूल्य वर्धित कर (वैट) लगाया जाएगा।
पुड्डुचेरी: पुडुचेरी में एआईएनआरसी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में 7 रुपये प्रति लीटर की कमी की घोषणा की जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गई।
महाराष्ट्र सरकार पर सवाल: महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं। महाराष्ट्र में सत्ताधारी दल ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में सड़कों पर उतरा था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत तीनों दलों के नेता ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी की आलोचना भी किये थे ,लेकिन अब इस पर कोई बोलने को तैयार नहीं है। बता दें केंद्र सरकार ने बुधवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की, जिसके बाद राज्य सरकार ने भी कम करने के अपने फैसले की घोषणा की थी। पेट्रोल और डीजल की हुई कीमतों का असर सरकार के रेवन्यू पर भी पड़ेगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार पर हर महीने 8,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। मतलब इस फाइनेंशियल ईयर में सरकार को 43,500 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। मालूम हो कि बीजेपी शासित राज्यों में हरियाणा, बिहार, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, कर्नाटक, गोवा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड ने अपने यहां वैट कम किये हैं।
मिजोरम: मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने कहा कि केंद्र द्वारा ईंधन पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी की घोषणा के एक दिन बाद, मिजोरम सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 7 रुपये प्रति लीटर की कटौती की।
हरियाणा: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में 12 रुपये की कटौती की घोषणा की।
गुजरात: मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, गुजरात सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में 7 रुपये प्रति लीटर की कमी की है।
बिहार: बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने गुरुवार को उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र द्वारा उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में कटौती के एक दिन बाद पेट्रोल और डीजल पर अपनी वैट दर ₹ 3 प्रति लीटर से अधिक कम कर दी। इस आशय की घोषणा मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर की। आज की अधिसूचना के आधार पर कर्नाटक के पेट्रोल पर बिक्री कर का हिस्सा 35 से घटाकर 25.9 प्रतिशत और डीजल पर 24 से घटाकर 14.34 प्रतिशत कर दिया गया है।
ओडिशा: ओडिशा सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में 3 रुपये प्रति लीटर की कमी और तटीय राज्य में 5 नवंबर की मध्यरात्रि से इसके कार्यान्वयन की घोषणा की।
अरुणाचल प्रदेश: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गुरुवार को घोषणा की कि उनकी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर दरों में 5.5 प्रतिशत की कमी की है। संशोधित वैट दरें पूर्वोत्तर राज्य में 5 नवंबर की मध्यरात्रि से लागू होंगी।
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मूल्य वर्धित कर (वैट) में चार प्रतिशत की कटौती और दो ईंधन पर उपकर में 1.50 रुपये की कटौती की घोषणा की। नतीजतन, राज्य की राजधानी भोपाल में शुक्रवार से पेट्रोल की कीमत 106.86 रुपये और डीजल की कीमत 90.95 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी।
नगालैंड: नागालैंड सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में 7 रुपये प्रति लीटर की कमी की घोषणा की। केंद्रीय और राज्य करों में कटौती के साथ पूर्वोत्तर राज्य में पेट्रोल 12 रुपये प्रति लीटर और डीजल 17 रुपये सस्ता हो गया।
चंडीगढ़: चंडीगढ़ प्रशासन ने गुरुवार को 4 नवंबर की मध्यरात्रि से पेट्रोल और डीजल पर वैट में 7 रुपये की कमी की घोषणा की।
हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि पेट्रोल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) 2 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4.60 रुपये कम किया जाएगा। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में पेट्रोल 12 रुपये प्रति लीटर सस्ता होगा जबकि डीजल भी 17 रुपये प्रति लीटर सस्ता होगा।
जम्मू और कश्मीर: जम्मू-कश्मीर सरकार ने गुरुवार को इनकी कीमतों में अतिरिक्त ₹7 प्रति लीटर की कमी की।सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश में अब पेट्रोल पर 24 प्रतिशत और डीजल पर 16 प्रतिशत मूल्य वर्धित कर (वैट) लगाया जाएगा।
पुड्डुचेरी: पुडुचेरी में एआईएनआरसी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में 7 रुपये प्रति लीटर की कमी की घोषणा की जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गई।
महाराष्ट्र सरकार पर सवाल: महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं। महाराष्ट्र में सत्ताधारी दल ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में सड़कों पर उतरा था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत तीनों दलों के नेता ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी की आलोचना भी किये थे ,लेकिन अब इस पर कोई बोलने को तैयार नहीं है। बता दें केंद्र सरकार ने बुधवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की, जिसके बाद राज्य सरकार ने भी कम करने के अपने फैसले की घोषणा की थी। पेट्रोल और डीजल की हुई कीमतों का असर सरकार के रेवन्यू पर भी पड़ेगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार पर हर महीने 8,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। मतलब इस फाइनेंशियल ईयर में सरकार को 43,500 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। मालूम हो कि बीजेपी शासित राज्यों में हरियाणा, बिहार, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, कर्नाटक, गोवा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड ने अपने यहां वैट कम किये हैं।