भारत में क्रिप्टोकरेंसी की मंजूरी को लेकर जोर शोर से बहस जारी है।इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने इसकी मंजूरी देने पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को सरकार द्वारा मान्यता देने पर भारत को कई स्तरों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव यह बात एक सेमिनार में कही। बता दें कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बड़ा बाजार बनता जा रहा है। भारतीय भी क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगा रहे हैं। पिछले दिनों कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन की वजह से कई क्रिप्टोकरेंसी के भाव में भारी गिरावट दर्ज की गई थी।
पूर्व गवर्नर के अनुसार, भारत में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) को जारी करने का मामला मजबूत ना हो क्योंकि इसमें पूंजी नियंत्रण का मामला भी शामिल है। क्योंकि ”क्रिप्टो एल्गोरिदम से चलती है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक धन की आपूर्ति से मुद्रास्फीति प्रबंधन से अपना नियंत्रण खो सकता है। उन्होंने आशंका जाहिर की कि असर मौद्रिक निति पर भी पड़ सकता है।
बता दें कि डी सुब्बाराव 2008 से 2013 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर थे। उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) को डेटा संरक्षण कानून की जरूरत पड़ेगी। मालूम हो कि भारत में भी लगातार डिजिटल मुद्रा को मंजूरी की मांग की जा रही है। खबरों में कहा जा रहा है कि इस शीतकालीन सत्र में सरकार बिल ला सकती है।
ये भी पढ़ें