भारत का एक्सप्रेस पार्सल बाजार तेजी से विकास कर रहा है और वित्त वर्ष 2030 तक लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में 24 से 29 बिलियन शिपमेंट तक पहुंचने की उम्मीद है। यह वृद्धि वित्त वर्ष 2024 के 8 से 9 बिलियन शिपमेंट के स्तर से 19 से 23 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) को दर्शाती है।
रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में बाजार के 10 से 11 बिलियन शिपमेंट तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें ई-कॉमर्स क्षेत्र, विशेष रूप से नॉन-हॉरिजोंटल और हाइपरलोकल/क्विक कॉमर्स के उदय का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
वित्त वर्ष 2025 में एक्सप्रेस पार्सल बाजार में ई-कॉमर्स (हाइपरलोकल को छोड़कर) का हिस्सा 50 प्रतिशत से अधिक था, जिसमें लगभग 4.8 से 5.5 बिलियन शिपमेंट शामिल थे। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2030 तक 15 से 16 बिलियन शिपमेंट तक बढ़ने की उम्मीद है, जो उस समय तक एक्सप्रेस पार्सल बाजार में 55 से 60 प्रतिशत का योगदान देगा।
रिपोर्ट के अनुसार भारत का एक्सप्रेस पार्सल बाजार पारंपरिक कूरियर से ई-कॉमर्स और हाइपरलोकल शिपमेंट की ओर बढ़ रहा है, जो डिजिटल अपनाने और शहरीकरण की वजह से प्रोत्साहित हो रहा है। रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स के पार्टनर मृगांक गुटगुटिया ने कहा, “लोग अब तेज़, अधिक सुविधाजनक डिलीवरी की उम्मीद करते हैं, जो ई-कॉमर्स और हाइपरलोकल शिपमेंट में उछाल ला रहा है, जबकि पारंपरिक पार्सल बहुत धीमी गति से बढ़ रहे हैं।”
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ई-कॉमर्स में उछाल के कारण वित्त वर्ष 2020 से 2030 के बीच एक्सप्रेस पार्सल की मात्रा में शानदार वृद्धि होने की संभावना है। इस परिदृश्य में, एक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स कंपनियों को तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स और हाइपरलोकल अवसरों का लाभ उठाने के लिए अपनी रणनीतियों को पुनर्गठित करने की आवश्यकता होगी।
क्विक कॉमर्स सबसे तेजी से बढ़ने वाले सेगमेंट के रूप में उभरा है, जिसने वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 में कुल एक्सप्रेस पार्सल बाजार में 7 से 10 प्रतिशत का योगदान दिया। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2030 तक इसके 33 से 50 प्रतिशत CAGR से बढ़ने की उम्मीद है।
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग, फार्मेसी डिलीवरी और हाइपरलोकल C2C शिपमेंट से वित्त वर्ष 2030 तक कुल शिपमेंट वॉल्यूम का 13 प्रतिशत हिस्सा बनने की उम्मीद है, हालांकि क्विक कॉमर्स की तुलना में इसकी समग्र वृद्धि दर धीमी रहेगी। वित्त वर्ष 2025 में एक्सप्रेस पार्सल बाजार में पारंपरिक कूरियर सेगमेंट की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत (2 बिलियन पार्सल) रही और वित्त वर्ष 2030 तक इसके 7 प्रतिशत CAGR की दर से बढ़ने का अनुमान है।
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