दिल्ली में शिक्षकों की वेतन में कटौती के बाद से केजरीवाल की किरकिरी होने से लगता है कि दिल्ली सरकार ने सबक ले लिया है। दिल्ली सरकार न निर्णय लिया है कि दिल्ली में बिजली पर सब्सिडी उसी को मिलेगी जो इसकी मांग करेंगे। यह एक तरह से केजरीवाल का मुफ्त की बिजली योजना से यू टर्न लेना हो सकता है। मुफ्त में रेवड़ी बांटने के आरोप और दिल्ली में शिक्षकों के वेतन में कटौती से दिल्ली सरकार बैक फुट पर आ गई है। उस पर चारो ओर से हमले हो रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ लोग हैं जो फ्री में बिजली नहीं लेना चाहते।ऐसे अब बिजली पर सब्सिडी उन्हीं को मिलेगी जो इसके लिए आवेदन करेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बिजली बहुत कटती थी। जिसमें हमने सुधार किया और अब बिजली चौबीस घंटे आती है। उन्होंने कहा कि बिजली व्यवस्था में बहुत भ्रष्टाचार होता था जिसे हमने रोका और पैसे बचाये जिसका उपयोग हमने लोगों को सुविधाएं देने में की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 58 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें से 30 लोगों के बिजली जीरो आता है जबकि 17 लाख के आधे आते हैं। अब हम उन्हें ही सब्सिडी देगें जो मांगेंगे।अब यह सुविधा 1 अक्टूबर से लागू हो जायेगी।
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