भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार 1 दिसंबर को डिजियात्रा सुविधा की शुरूआत कर दी है। इसके तहत राष्ट्रीय राजधानी में हवाईअड्डे पर चेहरे की पहचान प्रणाली के आधार पर हवाई यात्रियों को प्रवेश की अनुमति होगी। डिजियात्रा सुविधा के वजह से हवाई अड्डों पर यात्रियों को कागज रहित प्रवेश मिलेगा। वहीं विभिन्न चेकप्वाइंट्स सहित सुरक्षा जांच क्षेत्रों पर चेहरे की पहचान प्रणाली के आधार पर यात्री डेटा को स्वचालित रूप से अपडेट किया जा सकेगा। इसके अलावा, डिजियात्रा हवाईअड्डे पर बढ़ी हुई सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
दिल्ली के अलावा गुरुवार को वाराणसी और बेंगलुरु एयरपोर्ट पर डिजियात्रा सुविधा शुरू की गई। इस डिजिटल सेवा का लाभ उठाने वाले यात्रियों को आधार-आधारित सत्यापन और एक सेल्फ इमेज कैप्चर का उपयोग करके डिजियात्रा ऐप पर अपना विवरण दर्ज करना होगा। उसके अगले चरण में बोर्डिंग पास को स्कैन करना होगा और अपने क्रेडेंशियल्स (योग्यता साबित करने वाला दस्तावेज़) को हवाई अड्डे के साथ साझा करना होगा।
सर्वप्रथम एयरपोर्ट के ई-गेट पर यात्री को पहली बार कोडेड बोर्डिंग पास को स्कैन करना होगा। उसके बाद ई-गेट पर लगा फेशियल रिकग्निशन सिस्टम यात्री की पहचान और यात्रा दस्तावेज को मान्य करेगा। यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद यात्री ई-गेट से एयरपोर्ट में प्रवेश कर सकता है। उसके बाद यात्री को विमान में सवार होने के लिए सामान्य प्रक्रिया का पालन करना होगा। बता दें कि इस डिजियात्रा ऐप का बीटा संस्करण 15 अगस्त को लॉन्च किया गया था।
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