आरबीआई ने लगातार नौवीं बार नहीं घटाई रेपो रेट 

आरबीआई ने लगातार नौवीं बार नहीं घटाई रेपो रेट 

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ) ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि लगातार नौ बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया। यानी आप की ईएमआई में भी कोई कमी नहीं होगी। बुधवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के 4 प्रतिशत रहेगी।
बता दें कि रेपो रेट में कटौती किए जाने पर बैंकों को ब्याज दर को कम करने के लिए दबाव रहता है, लेकिन आरबीआई ने 4 प्रतिशत रेपो रेट को बरकरार रखा। इस लेवल को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के छह सदस्यों में से 5 ने इसका समर्थन किया। वहीं, आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई में कमी लाने के लिए पेट्रोल-डीजल के उत्पाद शुल्क में कटौती की जाएगी।
क्या है रेपो रेट
जिस तरह आप किसी बैंक से लोन लेते हैं और उस बैंक को एक निश्चित दर के साथ ब्याज देते हैं। उसी तरह बैंकों को भी कामकाज के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है तो वह भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं और बैंक जिस दर से आरबीआई को ब्याज चुकता है उसे रेपो रेट कहा जाता है। अगर आरबीआई कम दर पर बैंकों को  कर्ज देगा तो बैंक भी अपने ग्राहकों को कम दर पर लोन देंगे। इसके अलावा आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट जस का तस रखा है। यानी 3.25 प्रतिशत रहेगी।

क्या है रिवर्स रेपो रेट

बैंकों के दिन भर कामकाज से जो पैसे बचते हैं, उसे वह भारतीय रिजर्व बैंक में जमा कर देते हैं। आरबीआई इस रकम ( पैसे ) पर बैंकों को एक निश्चित दर पर ब्याज देता है। आरबीआई जिस दर पर बैंकों को ब्याज देता है उसे रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है। वर्तमान में इसे आरबीआई 3.25 प्रतिशत रखा हुआ है।

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