रियल एस्टेट और सीमेंट साम्राज्य की लड़ाई में टकराएंगे दो कारोबारी दिग्गजकर्ज के बोझ से दबे जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) को लेकर दो दिग्गज—अदाणी ग्रुप और पतंजलि आयुर्वेद—एक दूसरे के आमने-सामने हैं। दिवालियापन प्रक्रिया से गुजर रही इस बहुचर्चित कंपनी के अधिग्रहण की दौड़ में दोनों कंपनियां समेत कुल 26 दावेदार उतर चुके हैं।
गौतम अदाणी के नेतृत्व वाला अदाणी ग्रुप और बाबा रामदेव की अगुवाई वाली पतंजलि आयुर्वेद अब रियल एस्टेट, सीमेंट, होटल और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की इस बड़ी कंपनी को हासिल करने की कोशिश में हैं। 3 जून 2024 को एनसीएलटी, इलाहाबाद बेंच ने जयप्रकाश एसोसिएट्स के खिलाफ कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) शुरू की थी।
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया है कि अदाणी एंटरप्राइजेज, टोरेंट ग्रुप, जिंदल पावर, डालमिया सीमेंट, ओबेरॉय रियल्टी, कोटक एसेट मैनेजर्स, पतंजलि और कई अन्य कंपनियों ने कंपनी को अधिग्रहित करने की इच्छा जताई है। इन सभी दावेदारों की संभावित सूची भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड (IBBI) के नियमों के तहत जारी की गई है।
जेएएल पर कुल 57,185 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें सबसे बड़ा दावेदार नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) है। इसने एसबीआई के नेतृत्व में बैंकों से जेएएल के तनावग्रस्त कर्ज को खरीदा है।
जयप्रकाश एसोसिएट्स के पास नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स, विशटाउन, और जेवर एयरपोर्ट के पास स्पोर्ट्स सिटी जैसी आकर्षक रियल एस्टेट संपत्तियां हैं। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर, मसूरी और आगरा में होटल, और एमपी-यूपी में सीमेंट प्लांट्स इसके अधिग्रहण को और भी प्रतिस्पर्धात्मक बनाते हैं।
इस अधिग्रहण की दौड़ में अदाणी और पतंजलि के बीच टक्कर इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि दोनों ही कंपनियां तेजी से अपने-अपने सेक्टर्स में विस्तार कर रही हैं और जेएएल की संपत्तियां उनके लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम साबित हो सकती हैं। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि इस कम्पीटिशन में विजेता कौन बनता है—कॉर्पोरेट दुनिया के बादशाह अदाणी या देशी बाज़ार में मजबूत पकड़ रखने वाली पतंजलि?
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