4 सुनारों ने 172 किलो नकली सोने को शुद्ध बताकर सोलापुर के केनरा बैंक से 85 लाख 93 हजार 300 रुपये का गोल्ड सिक्योरिटी लोन लिया और बैंक से धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। यह घटना गत दो माह पहले केनरा बैंक की चार शाखाओं सात रास्ता, चाटी गली और माजरेवाड़ी के साथ पश्चिम पेठ शाखा में घटी। बैंक के मुख्य प्रबंधक अनिलकुमार बालाजी शाहपुरवाड (44) ने जोड़बावी पेठ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। इसके तहत संबंधित सुनार समेत अन्य 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है|
सुनील नारायण वेदपाठक के साथ सुनार जावेद वजीर शेख, हुसैन पापा शेख, युवराज शिवराम ढेरे, कार्तिक सारसम्भी, जुबेर जहांगीर मुल्ला, भुजंग सुनील शेलके, जयवंत पुंडलिक ढेकले, जैनुद्दीन शेख, सोमनाथ मधुकर शेलके, सुरेश बलिराम मुले, गहिनीनाथ शिंदे, कादिर मलिक पठान और इस अपराध में आरोपियों के नाम उत्तरेश्वर मल्लिकार्जुन बोबे (सभी सोलापुर) हैं।
इनमें से, सुनील वेदपाठक सुवर्णकार को केनरा बैंक की चार शाखाओं के लिए वेतन के आधार पर सुनार के रूप में एक लिखित समझौते के माध्यम से आधिकारिक तौर पर नियुक्त किया गया था। उन्हें गोल्ड मोर्टगेज लोन पर सोने की शुद्धता की जांच करने, उसका वजन करने, बैंक के पासवर्ड फॉर्म को अपने हस्ताक्षर से प्रमाणित करने और ऐसा प्रमाण पत्र जारी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
अभियोजन पक्ष ने कहा, लेकिन सुनील वेदपाठक ने अन्य संबंधित लोगों की मिलीभगत से बैंक की सभी चार शाखाओं में 2255 ग्राम नकली सोने को असली और शुद्ध प्रमाणित किया और कुल 85 लाख 93 हजार 300 रुपये का सोना बंधक ऋण ले लिया।
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