महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने आदेश दिया है कि 2014 में एक सड़क हादसे में जान गंवाने वाले एक व्यक्ति के परिवार को 24.05 लाख रूपये बतौर मुआवजा दिए जाएं। एमएसीटी के सदस्य एच एम भोसले ने 27 सितंबर को दो मोटरसाइकिलों के मालिकों एवं दो बीमा कंपनियों समेत चार प्रतिवादियों को दावेदारों को संयुक्त रूप से एवं अलग अलग क्षतिपूर्ति राशि देने का आदेश दिया। न्यायाधिकरण ने साथ ही इन चारों को दावे को फाइल करने की तारीख से आठ फीसद ब्याज दर का भी भुगतान करने को कहा। यह आदेश शुक्रवार को उपलब्ध कराया गया।
दावेदारों: केशव शेलके (68) और उनकी पत्नी सुनीता (63) ने न्यायाधिकरण से कहा था कि उनका बेटा संदीप (30) प्रतिमाह 15,828 रूपये कमाता था और वे उसपर पूरी तरह निर्भर थे । दोनों ने 31 लाख रूपये का मुआवजा मांगा था। याचिका के अनुसार 24 जुलाई, 2014 को वडा-भिवंडी सड़क पर नारे गांव के समीप संदीप अपने रिश्तेदार के साथ मोटरसाइकिल से जा रहा था, तभी सामने से एक मोटरसाइकिल आयी जिसपर लोहे की छड़ें थी ।
याचिका के मुताबिक वहां तीक्ष्ण मोड़ पर इन छड़ों से संदीप घायल हो गया और गिर गया। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां छह दिन बाद उसकी मौत हो गयी। इस मामले में प्रतिवादी सुधाकर वी शेल्के (उस मोटरसाइकिल का मालिक जिसपर संदीप पीछे की सीट पर बैठा था) , आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, मंगल बी वाघे (दूसरी मोटरसाइकिल का मालिक) और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड हैं।
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