देश की मशहूर ऑयल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में रिश्वतखोरी खूब फल-फूल रही है| इसका जीता जागता सबूत उस समय मिला, जब सीबीआई ने उसके दफ्तर पर छापा मारा| सीबीआई के इस छापे में आईओसी के तीन आला-अफसर एक-एक लाख वसूली करते रंगे हाथों गिरफ्तार किये गए|
देश की मशहूर कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन भी भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से बची नहीं रह सकी| इसका भांडा तब फूटा जब केंद्रीय जांच ब्यूरो टीम ने मुकदमा करने के बाद एक दफ्तर पर छापा मार दिया| सीबीआई द्वारा महाराष्ट्र के नागपुर में मारे गए छापे में आईओसी के तीन अफसर रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुए| आरोप है कि इन अफसरों ने एक पेट्रोल पंप मालिक से 1-1 लाख रुपए रिश्वत की मांगी थी|
सीबीआई के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों का नाम एन पी रोडगे, मनीष नांदले और सुनील गोलर है| एन पी रोडगे कंपनी के रीटेल सेल्स विभाग में महाप्रबंधक है, जबकि मनीष नांदले गोंदिया एरिया का मुख्य प्रबंधक और सुनील गोलर बिक्री प्रबंधक है| आरोप के मुताबिक, गिरफ्तार अफसरों की इस चेन ने पेट्रोल पंप संचालकों से मालिकाना हक ट्रांसफर करने की एवज में रिश्वत मांगी थी|
सीबीआई ने छापा मारने के लिए कई टीमों का गठन किया| सीबीआई ने उन तमाम अड्डों का पहले ही पता लगा लिया जहां-जहां आरोपियों के ठिकानों पर छापामारी करनी थी| साथ ही सीबीआई ने इस बात का भी पुख्ता इंतजाम कर लिया कि किसी भी तरह से आरोपी उसके जाल में फंसने से बच न सकें|
सीबीआई के अनुसार रिश्वत में जो नोट आरोपियों/संदिग्धों को दिए गए, उनकी पूरी डिटेल पहले से ही सीबीआई के पास मौजूद थी| ताकि कहीं सीबीआई की किसी भी कमजोरी का लाभ बाद में आरोपियों को अदालत में न मिल सके|
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