आम आदमी पार्टी (आप) के नेता नरेश बालियान को मकोका मामले में फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को इस बहुचर्चित केस की सुनवाई के दौरान उनकी न्यायिक हिरासत को 5 जुलाई तक बढ़ा दिया। अब केस में चार्ज फ्रेम (आरोप तय करने) की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है और अगली सुनवाई भी इसी तारीख को होगी।
सुनवाई के दौरान सभी आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कोर्ट में पेश किए गए। अदालत ने दिल्ली पुलिस को आरोपी विकास गहलोत के खिलाफ जांच तेज़ करने और अतिरिक्त साक्ष्य एकत्र करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस को शक है कि गहलोत की भूमिका इस संगठित अपराध नेटवर्क में अहम रही है।
नरेश बालियान पर संगठित आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है, जिसके तहत उनके खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का दावा है कि यह पूरा मामला एक सुनियोजित आपराधिक गिरोह से जुड़ा है, जिसमें हथियारों की तस्करी, जबरन वसूली और आर्थिक लाभ के लिए किए जा रहे अपराध शामिल हैं।
चार्जशीट में कहा गया है कि बालियान और उनके साथियों ने मिलकर ऐसा नेटवर्क खड़ा किया, जो लंबे समय से दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय था। पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह एक संगठित योजना के तहत अपराध कर आर्थिक फायदे उठा रहा था।
वहीं, नरेश बालियान और उनके समर्थकों ने इस मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि, “यह पूरा केस फर्जी है और विपक्ष द्वारा बदनाम करने की कोशिश है।” हालांकि आम आदमी पार्टी की ओर से अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
जैसे-जैसे 5 जुलाई नज़दीक आएगी, सबकी निगाहें इस पर टिकी होंगी कि दिल्ली पुलिस किन सबूतों के दम पर आरोप तय करवाने की कोशिश करती है और बचाव पक्ष इसका कानूनी मुकाबला किस रणनीति से करता है। अगली सुनवाई इस केस की दिशा तय करने में केंद्रीय मोड़ साबित हो सकती है।
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